छत्तीसगढ़

हमर अंगना के तहत एवं भारतीय संविधान की प्रस्तावना के प्रचार प्रसार हेतु चलाया गया विशेष अभियान

हमर अंगना के तहत एवं भारतीय संविधान की प्रस्तावना के प्रचार प्रसार हेतु चलाया गया विशेष अभियान

देवेन्द्र गोरले सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़- डोंगरगढ- हमर अंगना के तहत एवं भारतीय संविधान की प्रस्तावना के प्रचार प्रसार हेतु 22 जनवरी बुधवार को कार्यालय तालुका विधिक सेवा समिति डोंगरगढ के अपर जिला न्यायाधीश अध्यक्ष श्रीमती विभा पांडे, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अश्विनी कुमार चतुर्वेदी एवं व्यवहार न्यायालय वर्ग 2 व न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी गिरीश पाल् सिंह द्वारा स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर

 

विद्यालय तथा शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। संविधान की प्रस्तावना के अंतर्गत छात्र छात्राओं को संविधान के बारे में बताया गया और उन्हें संविधान के पांच प्रारम्भिक शब्द

समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, सम्पूर्ण प्रभुत्व समर्पण, लोकतंत्रात्मक एवं गणराज्य जैसे न्याय अथवा सामाजिक आर्थिक स्तर पर न्याय की बात की गई और स्वतंत्रता समता, व्यक्ति की गरिमा, राष्ट्र की एकता, अखंडता एवं बंधुता के बारे में छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया गया।
संविधान की प्रस्तावना भारत के लोगो से शुरू होती है- शिविर को संबोधित करते हुए अपर जिला न्यायाधीश अध्यक्ष श्रीमती विभा पांडे, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अश्विनी कुमार चतुर्वेदी एवं व्यवहार न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी गिरीश पॉल ने छात्र-छात्राओं को प्लान ऑफ एक्शन के अंतर्गत संविधान की प्रस्तावना पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संविधान की

 

प्रस्तावना हम भारत के लोगों से शुरु होती है और संविधान वास्तव में समाजवादी समानता की बात करता है जिसका मतलब है कि भारत में रह रहे हर नागरिक को महसूस हो कि वह एक समान है। उन्होंने कहा कि भारत ने लोकतांत्रिक समाज को अपनाया है। सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक स्तर पर भारत के संविधान के तहत न्याय दिया जायेगा लेकिन किसी भी जाति, धर्म विशेष पर न्याय नहीं दिया जायेगा क्योंकि भारत के संविधान में पंथनिरपेक्ष की बात की गई है।

हमर अंगना अभियान के तहत घरेलू हिंसा की जानकारी- श्रीमती विभा पांडे, अश्विनी चतुर्वेदी एवं गिरीश पाल ने हमर अंगना अभियान के तहत घरेलू हिंसा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महिलाओं को हो रही घरेलू हिंसा शारीरिक, भावनात्मक, मौखिक, आर्थिक और यौन शोषण सहित विभिन्न रूप से हो सकते है जिसमें धूर्तता से लेकर विवाह पश्चात बलात यौन संबंध और हिंसक शारीरिक शोषण भी शामिल हैं। उक्त कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य प्रकाश यादव, पैरालीगल वालंटियर्स राकेश कुमार साहू , रमेश कुमार गात्रे सहित बड़ी संख्या में छात्र- छात्राएं उपस्थित थे।

 

 

 

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