जिन पर बीत रही… दोस्त धर्मेंद्र के जाने का गम नहीं झेल पा रहे अमिताभ बच्चन, लिखा- मन और शरीर जवाब नहीं दे रहा

धर्मेंद्र अब नहीं रहे… ये शब्द सुनकर परिवार का कलेजा जो फटा होगा, सो तो फटा ही होगा, पर ये खबर जिगरी यार अमिताभ बच्चन के कलेजे को भी चीर गई। अपने ‘वीरू’ के जाने की खबर ‘जय’ (अमिताभ बच्चन) बर्दाश्त नहीं कर पाए और अब भी वही दुख खाए जा रहा है। वह अब भी इस गम से उबरे नहीं हैं। हाल ही के दिनों में कई सेलेब्स के निधन और अब दोस्त धर्मेंद्र का जाना उन्हें इस बात पर सोचने को मजबूर कर गया है कि जीवन के कुछ ही क्षण हैं, जिन्हें जीना है। इसे लेकर उन्होंने एक घंटे पहले एक ट्वीट भी किया और साथ ही ब्लॉग पर भी लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखा है।हालत की खबर मिलते ही अमिताभ तुरंत ही उनसे मिलने पहुंचे थे। ‘ही मैन’ की हालत क्या रही होगी, यह अमिताभ की आंखों में साफ झलक रहा था। उसी दिन से उनके दिल-दिमाग पर गम के बादल छाए हुए थे और अब जब धर्मेंद्र चले गए, तो तगड़ा पहाड़ टूट पड़ा। आंखों से आंसू बहे जा रहे थे। अब भी वह इसी गम में हैं। अमिताभ और धर्मेंद्र का याराना बहुत पुराना रहा है। दोनों के बीच कुछ मतभेद भी हुए थे, पर वो प्रोफेशनल लेवल पर थे। वैसे दोनों के बीच करीबी रिश्ता रहा। उन्होंने साथ में ‘शोले’, ‘चुपके चुपके’, ‘राम बलराम’, ‘गुलामी’, ‘बंटवारा’, ‘नसीब’ और ‘हम कौन हैं’ जैसी फिल्में शामिल हैं।धर्मेंद्र को भुला पाना बहुत मुश्किल है। 24 नवंबर को धर्मेंद्र गुजरे और उसी दिन से बिग बी कभी ब्लॉग तो कभी ट्विटर पर अपने मन की बात और दुख साझा कर रहे हैं। अब उन्होंने X पर लिखा, ‘कुछ क्षण, जीवन के जीना।’
अमिताभ ने लिखा- मन और शरीर काम के लिए जवाब नहीं दे रहा, जिन पर बीत रही…
इसके अलावा उन्होंने अपने ब्लॉग पर लिखा है कि किस तरह अतीत की यादें और पल अभी भी ताजा हैं और उनका शरीर काम करने की गवाही नहीं दे रहा है। हर तरफ उदासीनता है। उन्होंने लिखा है, ‘बीते दिनों की यादें और एहसास अभी भी ताजा हैं। मन और शरीर बिल्कुल भी काम नहीं करना चाह रहा। लेकिन वो कहते हैं कि शो चलता रहना चाहिए..जिसने भी यह कहा हो, उसका इरादा अच्छा और कुछ सकारात्मक रहा होगा, लेकिन जिन लोगों पर बीत रही है, जो उस दुख का दंश झेलते हैं, वो अभी भी छनकर आना बाकी है।’

