हिड़मा की मौत के बाद टूटा बारसे देवा, आत्मसमर्पण के लिए कई लोगों से किया संपर्क

नई दिल्ली। पिछले दो साल से लगातार माओवाद संगठन पर केन्द्र व राज्य सरकार हर मोर्चो पर वार कर रही है। जहां एक और विकास की किरणें उन इलाकों में पहुंचाई जा रही है जहां कभी माओवाद नाम का अंधेरा हुआ करता था। मुठभेड़ों के अलावा बड़े लीडर आत्मसमर्पण कर रहे है, लेकिन हिड़मा की मौत के बाद संगठन पूरा टूट चुका हैबटालियन का कमांडर बारसे देवा अपने साथियों के साथ आत्म समर्पण करना चाहूता है लेकिन वो बुरी तरह कन्फयूज्ड हो गया है, कि आखिरकार करे तो कहां करे और किसके माध्यम से करे। पिछले दो दिनों से देवा समेत दर्जनों माओवादियों के आत्मसमर्पण की खबरें आ रही थी, और लगभग तय भी था लकिन ऐन वक्त पर किसी कारण से आत्मसमर्पण टल गया लेकिन आने वाले दिनों में कभी भी हो सकता है।
खासबात यह है कि कुछ पत्रकार और स्थानीय नेताओं के साथ समाज के भी लोग लगे हुए है कि वो हमारे माध्यम से आत्मसमर्पण करे इस तरह बारसे देवा और उनके साथी पूरी तरह कन्फयूज्ड हो गए है कि आखिरकार कहा और किस माध्यम से आत्मसमर्पण करे ताकि सुरक्षित रह सके और शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके। अब देखना यह होगा कि वो आत्मसमर्पण कहां और किस माध्यम से करता है।
आत्मसमर्पण की थी तैयारी
सूत्रों की माने तो शनिवार को बारसे देवा और उनके साथियों के आत्मसमर्पण की लगभग तैयारी हो गई थी। लेकिन ऐन वक्त पर कुछ कारण से ये आत्मसमर्पण टल गया। बताया जाता है कि आगामी एक दो दिन में कभी भी आत्मसमर्पण हो सकता है। और इस खबर को उस वक्त और हवा लगी तब प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा का अचानक सुकमा दौरा हुआ।



