छत्तीसगढ़

पर्वतीय एवं हिमालयी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के लिए ₹1,000 करोड़ का “हिल एंड हिमालयन सिटी फोकस फंड” घोषित।‌ आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने नई दिल्ली के यशोभूमि—इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) में आयोजित राष्ट्रीय शहरी सम्मेलन 2025 के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।

पर्वतीय एवं हिमालयी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के लिए ₹1,000 करोड़ का “हिल एंड हिमालयन सिटी फोकस फंड” घोषित।‌ आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने नई दिल्ली के यशोभूमि—इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) में आयोजित राष्ट्रीय शहरी सम्मेलन 2025 के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।

छत्तीसगढ़ बिलासपुर भूपेंद्र साहू ब्यूरो रिपोर्ट।‌ अपने समापन संबोधन में श्री साहू ने कहा कि यह सम्मेलन सरकार की उस दृष्टि को प्रतिबिंबित करता है, जिसके अंतर्गत स्वस्थ, टिकाऊ और समृद्ध शहरों के निर्माण की दिशा में ठोस पहल की जा रही है।

श्री साहू ने कहा कि भारत की शहरी अर्थव्यवस्था राष्ट्र की विकास गति का प्रमुख आधार है और मंत्रालय के प्रमुख मिशन—स्वच्छ भारत मिशन (शहरी), अमृत मिशन, एवं प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)—एकीकृत योजना और नवाचार आधारित वित्तीय तंत्र के माध्यम से शहरों को नई दिशा दे रहे हैं। 2014 में 18 प्रतिशत रही अपशिष्ट प्रसंस्करण क्षमता अब बढ़कर 80 प्रतिशत (2024) हो गई है।

“इस प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए मंत्रालय द्वारा ₹1,000 करोड़ का हिल एंड हिमालयन सिटी फोकस फंड स्थापित किया जा रहा है, जिससे उत्तर-पूर्वी राज्यों, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश एवं लद्दाख जैसे पर्वतीय केंद्र शासित प्रदेशों को लाभ मिलेगा।”

समावेशन को विकास का मूल तत्व बताते हुए, श्री साहू ने कहा कि विकसित भारत का दृष्टिकोण ऐसा है जहाँ हर नागरिक—रेहड़ी-पटरी विक्रेता, अपशिष्ट संकलक, निर्माण कार्यकर्ता, या गिग वर्कर—सम्मान और समान अवसरों के साथ प्रगति का भागीदार बने।

उन्होंने मंत्रालय द्वारा विकसित अर्बन (शहरी विशेष आर्थिक क्षेत्र) जैसी अवधारणाओं का उल्लेख किया, जो निवेश, रोजगार और किफायती आवास को प्रोत्साहित करेंगी। उन्होंने कहा कि ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) नीति से कॉम्पैक्ट, कनेक्टेड और सस्ती शहरी संरचना को बल मिलेगा।

श्री साहू ने दिल्ली, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्यों की सराहना की जिन्होंने टीओडी ढांचे को अपनाकर कार्यस्थलों के समीप किफायती आवास और मिश्रित उपयोग विकास को प्रोत्साहित किया है।
उन्होंने कहा—
“ये राज्य आज से ही भविष्य के शहरों का निर्माण कर रहे हैं।”

पीएमएवाई 2.0 में 50% अतिरिक्त फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) और सस्ती आवासीय भूमि आरक्षण जैसी नीतिगत सुधारों को लागू किया जा रहा है, जिससे आवास निर्माण को गति मिलेगी।

इस अवसर पर श्री साहू ने विकसित भारत सिटी प्रदर्शनी का भी भ्रमण किया, जिसमें भारत के भावी शहरों का समावेशी, सतत और प्रगतिशील स्वरूप प्रदर्शित किया गया। उन्होंने प्रदर्शनी में प्रदर्शित नवीन शहरी नियोजन मॉडल, स्मार्ट तकनीकों और नागरिक-केंद्रित अवसंरचनाओं की सराहना की।
उन्होंने आईआईआरएस संकलन ऐप और सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी ऑन हैबिटैट एंड हाउसिंग का भी शुभारंभ किया।

अपने समापन वक्तव्य में श्री साहू ने सभी प्रतिभागियों, विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, और शहरी योजनाकारों का आभार व्यक्त करते हुए कहा—

“आपके विचार और सुझाव भारत के शहरी भविष्य की दिशा तय करेंगे। इन सीखों को अपने शहरों में ले जाएं और समावेशी, टिकाऊ और आधुनिक भारत के निर्माण में अग्रणी बनें।”

“मेट्रो से नगरों तक — भारत बढ़ रहा है स्मार्ट गतिशीलता की राह पर”

  • तोखन साहू एवं मनोहर लाल द्वारा सात शहरों और डीएमआरसी को उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

एक अन्य कार्यक्रम में तोखन साहू ने अर्बन मोबिलिटी इंडिया (यूएमआई) सम्मेलन 2025 के समापन सत्र में भी भाग लिया, जिसमें आवासन एवं शहरी कार्य तथा विद्युत मंत्री मनोहर लाल भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर सात शहरों—चेन्नई, हुबली-धारवाड़, उदयपुर, त्रिशूर, पिंपरी चिंचवड़, हैदराबाद और कोच्चि—को शहरी गतिशीलता में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को सर्वश्रेष्ठ मेट्रो प्रणाली एवं यात्री संतुष्टि पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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