छत्तीसगढ़

विभिन्न गाँवों में आयोजित गौरी गौरा विसर्जन में शामिल हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिकगौरी- गौरा विवाह पर्व सामाजिक, समरसता और सांस्कृतिक एकता का अद्भुत उदाहरण : कौशिक

विभिन्न गाँवों में आयोजित गौरी गौरा विसर्जन में शामिल हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक
गौरी- गौरा विवाह पर्व सामाजिक, समरसता और सांस्कृतिक एकता का अद्भुत उदाहरण : कौशिक

छत्तीसगढ़ बिलासपुर भूपेंद्र साहू ब्यूरो रिपोर्ट।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने बिल्हा विधानसभा के ग्राम रहंगी, नगपुरा एवं वार्ड क्रमांक–8 मन्नाडोल, तिफरा (बिलासपुर) में आयोजित गौरा–गौरी विसर्जन एवं पूजा कार्यक्रमों में सम्मिलित होकर श्रद्धा और उल्लास से भरे इस पारंपरिक पर्व में शामिल हुए। श्री कौशिक ने समस्त क्षेत्रवासी और नगर वासियों को गौरा गौरी विवाह की बधाई एवं शुभकामनायें देते हुए समस्त जनता जनार्दन कि मंगलकामना के लिए प्रार्थना किया और भगवान शंकर माता पार्वती सभी को सुख, शांति एवं समृद्धि प्रदान करें ऐसी कामना की। उन्होंने कहा की गांव–गांव में गूंजते भजन, माताओं–बहनों की आस्था और युवाओं का उत्साह — छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति का अद्भुत दर्शन कराता है। भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती से प्रार्थना है कि वे सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वरदान प्रदान करें। उन्होंने कहा कि हमारी समृद्ध परंपराओं में गौरा-गौरी एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्राचीन लोक पर्व है। उन्होंने कहा कि विशेष बात यह है कि यह केवल गोंड समाज तक सीमित नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ के शहरों और गांवों में सभी जाति और समुदाय के लोग इस उत्सव में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। यह सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक एकता का अद्भुत उदाहरण है।

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