धर्म

दिवाली लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त कब है, जानें समय , महामंत्र, सरल पूजन

दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। लोगों का मानना है कि जिन घरों में साफ-सफाई और विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना होती हैं वहां पर मां लक्ष्मी अंश रूप में वास करने लगती हैं। जानें दिवाली शुभ मुहूर्त , लक्ष्मी पूजन समय आज पूरे देश में दिवाली महापर्व बड़े धूमधाम, उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। देश की हर गली, हर नुक्कड़ चौराहा दीपों व लाइटों की रोशनी से नहाया हुआ है। मान्यता है कि इस दिन भगवान राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे। तब उनके स्वागत में नगरवासियों ने अयोध्या को दीपों से सजाया था। ऐसा भी कहा जाता है कि दिवाली की रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण के लिए निकलती हैं और अपने भक्तों को सुख, शांति, समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। लोगों का मानना है कि जिन घरों में साफ-सफाई और विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना होती हैं वहां पर मां लक्ष्मी अंश रूप में वास करने लगती हैं।

दिवाली शुभ मुहूर्त , लक्ष्मी पूजन समय

गृहस्थों के लिए लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल सबसे सर्वश्रेष्ठ समय होता है। आज शाम 07 बजकर 08 मिनट से लेकर 08 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।

दुकान-ऑफिस, और व्यापारियों के लिए लक्ष्मी पूजन मुहूर्त ( Diwali Puja Time 2025)

ऑफिस के लिए (लाभ)- दोपहर 3:30 मिनट से शाम 5:00 बजे तक

छात्रों के लिए (अमृत)- शाम 5:00 मिनट से लेकर 6:30 मिनट तक

प्रदोष काल- 05:46 से 08:18 तक

वृषभ काल- 07:08 से 09 :03 तक

नए व्यापारियों के लिए (चंचल)- शाम 5:55 मिनट से लेकर 7:25 मिनट तक।

परंपरागत व्यापारियों के लिए (शुभ)- रात 3:25 मिनट से लेकर 4:55 मिनट तक।

साधकों के लिए (लाभ)- रात 12: 25 से 01:55 मिनट तक।

दीपावली पूजन के लिए आवश्यक सामग्री —

मूर्तियां (लक्ष्मी-गणेश), घी या तेल के दीपक, रोली, चावल, फूल, धूप, अगरबत्ती, मिठाई, कलश, नारियल, कमल गट्टा, सिक्के, खील-बताशे और पंचमेवा।

सरल पूजन विधि

ज्योतिष अन्वेषक अमित गुप्ता के अनुसार, घर के पूजा स्थल को स्वच्छ कर लाल वस्त्र बिछाई चौकी पर लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। पूजन सामग्री में फूल, मिठाई, खील-बताशे रखें। सबसे पहले घी का दीप जलाकर वक्रतुण्ड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा। मंत्र से गणेश जी का ध्यान करें, फिर सर्वलोकस्य जननीं सर्वसौख्यप्रदायिनीम। सर्वदेवमयीमीशां देवीमावाहयाम्यहम् ।। ॐ तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् । यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम्।। मंत्र से माता लक्ष्मी का आह्वान करें। रोली से तिलक करें, पुष्प और मिठाई अर्पित करें, श्री सूक्त का पाठ करें और आरती करें। पूजा के बाद मुख्य द्वार पर दीप जलाकर माता लक्ष्मी से घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि की प्रार्थना करें।

मां लक्ष्मी के चमत्कारी मंत्र (Diwali 2025 Laxmi Mantras)

महालक्ष्मी मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नमः॥

महामंत्र

ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा॥

कुबेर अष्टलक्ष्मी मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥

धन प्राप्ति मंत्र

ऊं श्रीं श्रियें नम:।

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