गरबे के नाम पर अवैध वसूली का आरोप, होटल संचालक ने कथित पत्रकारों के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत…

*गरबे के नाम पर अवैध वसूली का आरोप, होटल संचालक ने कथित पत्रकारों के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत…
बिलासपुर शहर के पुराने बस स्टैंड स्थित हेवेंस पार्क होटल एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस बार होटल संचालक आकाश जीवनानी ने खुद दो कथित पत्रकारों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को दिए लिखित आवेदन में कहा है कि गरबा आयोजन के नाम पर तीन लाख रुपये की अवैध वसूली की मांग की गई और पैसे न देने पर उनके होटल की बदनामी करने की धमकी दी गई।
आवेदक के अनुसार, 08 अगस्त 2025 की शाम करीब 6:30 बजे पत्रकार अमित संतवानी और अनुज श्रीवास्तव होटल पहुंचे। इस दौरान दोनों ने गरबे के आयोजन में “सहयोग” देने के बहाने सीधे तीन लाख रुपये नकद की मांग कर दी। जीवनानी का कहना है कि जब उन्होंने रकम देने से इंकार किया तो दोनों ने दबाव बनाते हुए धमकी दी कि अगर पैसे नहीं दिए गए तो मीडिया और सोशल पोर्टल्स पर होटल और उनके नाम से जुड़ी “नकारात्मक और बदनाम करने वाली खबरें” चला दी जाएंगी।
जीवनानी ने यह भी बताया कि जब उन्होंने इस अवैध मांग को स्वीकार नहीं किया, तो 17 अगस्त 2025 को एक पोर्टल पर उनके होटल और नाम से जुड़ी झूठी व भ्रामक खबरें प्रकाशित कर दी गईं। इन खबरों से होटल की छवि धूमिल हुई और उन्हें मानसिक व आर्थिक क्षति उठानी पड़ी।
सूत्रों के अनुसार में बताया जाता है कि अनुज श्रीवास्तव न केवल गरबे के नाम पर बल्कि जुआ फड़ संचालकों से भी सुरक्षा देने के बहाने अवैध वसूली करता है। सूत्रों के मुताबिक वह अपनी कथित पत्रकारिता की आड़ में पुलिस अधिकारियों तक पहुंच बनाकर उन्हें प्रभावित करता है और इस धौंस के दम पर जुआ संचालकों से मोटी रकम वसूलता है।
जानकारों का कहना है कि यह सिलसिला काफी समय से चल रहा है और अनुज श्रीवास्तव अपने आप को पत्रकार बताकर कई जगहों से वसूली का खेल करता है।
इसी तरह, अमित संतवानी पर भी गंभीर आरोप सामने आए हैं। जानकारी के अनुसार कुछ वर्ष पहले संतवानी ने एक कोयला व्यापारी से भी अवैध वसूली की कोशिश की थी। उस समय व्यापारी ने विरोध करते हुए कथित तौर पर उसकी पिटाई कर दी थी। इसके बावजूद संतवानी की दबंगई और वसूली का सिलसिला आज तक जारी है।
आकाश जीवनानी ने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई है कि पूरे मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज कर दोनों आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि यह पूरा षड्यंत्र उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने और दबाव बनाकर उनसे धन उगाही करने के लिए रचा गया है।
फिलहाल पुलिस अधिकारियों ने शिकायत की पुष्टि करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। अब देखना यह होगा कि पत्रकारिता की आड़ में वसूली करने वालों पर कितनी कड़ी कार्रवाई होती है और क्या होटल संचालक को न्याय मिल पाता ह

