आगर साहित्य समिति व राष्ट्रीय कवि संगम मुंगेली की ओर से डॉ सुरेंद्र दुबे को दी भावभीनी श्रद्धांजलि…

आगर साहित्य समिति व राष्ट्रीय कवि संगम मुंगेली की ओर से डॉ सुरेंद्र दुबे को दी भावभीनी श्रद्धांजलि…
मुंगेली /आगर साहित्य समिति व राष्ट्रीय कवि संगम मुंगेली की ओर से देश के ख्यातिलब्ध और छत्तीसगढ़ के गौरव पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया गया । श्रद्धांजलि सभा में नगर के लगभग सभी सामाजिक, व्यापारिक संगठनों और पत्रकारों की उपस्थिति रही । श्रद्धांजलि सभा में पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे जी के जीवन के महत्वपूर्ण बिंदुओं को प्राध्यापक अशोक गुप्ता ने बताते हुए भूमिका तैयार की ।तत्पश्चात मुंगेली प्रेस करके अध्यक्ष अनिल सोनी ने कहा- डॉ दुबे का मुंगेली के साथ पुराना नाता रहा, उनका मुंगेली के प्रति विशेष लगाव भी रहा । उनका जाना साहित्य के साथ मुंगेली नगर की क्षति है । मैं उन्हें प्रेस क्लब मुंगेली की ओर से श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं । इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार मनोज अग्रवाल ने भी भावनाएं व्यक्त की । नगर पालिका परिषद मुंगेली के अध्यक्ष रोहित शुक्ला ने कहा – देश के बड़े-बड़े लोकप्रिय और नामचीन कवि छत्तीसगढ़ के कवि सम्मेलनों में पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे की लोकप्रियता को अपनी आंखों से स्वयं दिखते थे । मंचों पर उनका जलवा सर चढ़कर बोलता था । हमारे लिए यह व्यक्तिगत क्षति है उनके खाली स्थान को कोई भर नहीं सकता । नगर पालिका परिषद मुंगेली की ओर से मैं दिवंगत आत्मा को नमन करता हूं । मुंगेली कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष स्वतंत्र मिश्रा ने उन्हें याद करते हुए कहा परमेश्वर डॉक्टर सुरेंद्र दुबे छत्तीसगढ़ की पहचान थे वह छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति को विस्तार देने वाले कवि थे कौन है छत्तीसगढ़ का नाम दूर-दूर तक पहुंचाया । प्रेस क्लब सचिव योगेश शर्मा ने नवभारत समाचार पत्र द्वारा पूर्व में आयोजित हो रहे कवि सम्मेलनों में डॉ दुबे से जुड़े संस्मरणों को याद किया और उनके जाने को साहित्य के लिए अपूर्णीय क्षति बताया । इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत शर्मा ने डॉ दुबे को छत्तीसगढ़ साहित्य के लिए ढाई करोड़ जनता की प्रतिनिधि कवि बताया । उन्होंने छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ी को सात समुंदर पार विदेश तक पहुंचाने का श्रेय दिया । उनके देवलोक गमन को छत्तीसगढ़ के कवि सम्मेलनों के लिए कठिन समय बताया । लोरमी के कवि सम्मेलन आयोजनों से जुड़े अपने संस्मरण की बातें रखी । शिक्षक और संगठन के जिला अध्यक्ष बलराज सिंह ने बताया डॉ दुबे का हमारे परिवार के साथ बहुत अपनापन रहा । उन्हें याद करते हुए उन्होंने बताया पिछले बार व्यापार मेला कवि सम्मेलन में जब मुंगेली आए तो वह हमारे गांव बाकी आ गए । हमारे घर में विराजित मातारानी का दर्शन किया वे साहित्यकार के साथ एक आध्यात्मिक व्यक्ति भी थे । इस अवसर पर रोट्रेट क्लब की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रविंद्र सिंह छाबड़ा ने कहा – छत्तीसगढ़ में पद्मश्री डॉक्टर सुरेंद्र दुबे जैसा कवि अब तक ना कोई था और ना ही कोई होगा । वह हमारे प्रदेश के गौरव थे और देश के सर्वप्रिय कवि थे । ईश्वर से कामना करता हूं पवित्र आत्मा को श्री चरणों में स्थान दें । प्रयास का इस्तेमाल स्टेप फाउंडेशन की ओर से रामकिंकर सिंह परिहार ने कहा- रोते हुए चेहरे पर मुस्कान देने वाले कवि का नाम था डॉ सुरेंद्र दुबे । कवि सम्मेलन की उनकी उपस्थिति ही सफलता का मानक बन गया था । मैं दिवंगत आत्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं । समन्वय कला परिषद मुंगेली की ओर से सतपाल मक्कड़ ने कहा – छत्तीसगढ़ के गांव-गांव तक कवि सम्मेलन को पहुंचाने का पूरा श्रेय पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे को जाता है । छत्तीसगढ़ में कवि सम्मेलन के आधार में डॉक्टर दुबे सदैव स्मरण किये जायेंगे । इस अवसर पर तखतपुर के वरिष्ठ साहित्यकार हूप सिंह क्षत्रिय ने भी उन्हें याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया । श्रद्धांजलि सभा का संचालन करते हुए आगर साहित्य समिति मुंगेली के अध्यक्ष और कवि देवेन्द्र परिहार ने पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे जी के साथ बिताए हुए समय को याद करते हुए अपने संस्मरण की बहुत सारी बातों को बताया । समापन अवसर पर 2 मिनट का मौन रखकर पवित्र आत्मा की शांति की कामना किया गया । श्रद्धांजलि सभा में प्रेस क्लब अध्यक्ष अनिल सोनी, नगर पालिका अध्यक्ष रोहित शुक्ला, वरिष्ठ साहित्यकार मनोज अग्रवाल, कांग्रेस कमेटी नगर अध्यक्ष स्वतंत्र मिश्रा, प्रवीण वैष्णव, योगेश शर्मा, सुशील शुक्ला, जय ताम्रकार, प्रशांत शर्मा, भूपेंद्र सिंह, स्वतंत्र तिवारी, रवि शुक्ला, रामकिंकर सिंह परिहार, रविन्दर सिंह छाबड़ा, बलराज सिंह, उमेश साहू, जिलाराम यादव, रामेश्वर प्रसाद साहू, मोहन उपाध्याय, बृजेश्वर मिश्रा, विजय सिंह क्षत्रिय, हूप सिंह क्षत्रिय, सतपाल मक्कड़, जगदीश प्रसाद देवांगन, रामा साहू ‘संयम’, विभा सोनी, अभिलाष पांडे, संतोष वैष्णव आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे ।