हास्य कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे का हार्ट अटैक से निधन, अस्पताल में ली अंतिम सांस…

हमारा सुरेन्द्र दुबे चला गया पर टाईगर अभी जिन्दा है
सुरेन्द्र दुबे जी, छत्तीसगढ़ के एक ऐसे अप्रतिम छत्तीसगढ़ी हास्य कवि थे, जिन्होंने अपनी अनूठी काव्य-शैली और प्रस्तुति से छत्तीसगढ़ी हास्य को न केवल घर-घर तक पहुंचाया, बल्कि उसे विश्व-स्तरीय पहचान दिलाई। दुबे जी की खासियत यह थी कि उनकी कविताएँ सिर्फ हंसाती नहीं थीं, बल्कि उनमें गहरा सामाजिक संदेश भी छिपा होता था। वे छत्तीसगढ़ की स्थानीय बोली, संस्कृति और जीवनशैली को अपनी कविताओं में बड़ी कुशलता से पिरोते थे, जिससे श्रोतागण उनसे तुरंत जुड़ाव महसूस करते थे। उनकी ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ जैसी पंक्तियाँ आज भी लोगों की ज़ुबान पर हैं। “टाइगर अभी ज़िंदा है” उनका एक लोकप्रिय तकियाकलाम बन गया था। भले ही सुरेन्द्र दुबे हमारे बीच से चले गए लेकिन टाईगर अभी जिन्दा है। वे छत्तीसगढ़ी हास्य के पुरोधा के रूप में लंबे समय तक याद किए जाएंगे। ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें मोक्ष में स्थान प्रदान करे।
टाईगर को हार्दिक श्रद्धांजलि!