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सांझ ढलते ही मयखाने में तब्दील हो रहा है मैदान और सुनसान जगह

खुले में शराबखोरी पर नहीं लग पा रहा अंकुश

भिलाई। आबकारी विभाग की उदासीनता के कारण जगह जगह मयखाना जैसा नजर आने लगा है। शहरी क्षेत्र के अंधेरा वाले स्थानों से लेकर बंद पड़ी दुकानों, व सुनसान सड़के और खुले मैदान में यह नजारा रोज देखा जा सकता है। इसके अलावा आउटर की सड़कें देर रात तक शराबियों से गुलजार रहती है। शहर के अंदरुनी इलाकों के मैदान भी सांझ ढलने के साथ ही मयखाने में तब्दील हो जाती है। आज कल तो चार पहिया और लक्जरी वाहन को भी सड़क किनारे खड़ी कर कांच बंद कर उसमें भी शराब का सेवन करते नजर आने लगे हैं, ऐसा नजारा भिलाई के भी आकाशगंगा के पीछे की ओर, दक्षिण गंगोत्री में इंडियन ब्रायलर के लाईन में, और टाउनशिप व शहर के मैदानों व झाडिय़ों के पास कहीं भी प्रतिदिन आम लोगों को नजारा दिख जाता है लेकिन ये नजारा न ही आबकारी विभाग को दिखता है और न ही पुलिस को। खुलें में शराब का सेवन तो करते ही है शराब की खाली बोतले, चखना और पानी पाउच वहीं छोड़कर गंदगी भी फैला रहे है। खुले में शराब का सेवन करना कानूनन अपराध है, लेकिन आबकारी विभाग को एकदम फुर्सत नही है कि वे इस ओर ध्यान दें।

शराब का खुले में सेवन करना आबकारी अधिनियम के खिलाफ है। बावजूद शराब पीने वालो में इस बात का कोई भय नजर नहीं आ रहा है। आबकारी महकमे की ओर से भी किसी प्रकार का खौफ पैदा नहीं किए जाने से खुले में शराब खोरी की प्रवृत्ति उफान पर आ गई है। जबकि खुले में शराब पीने वालों के खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 36 (च) के तहत एक से पांच हजार रुपए तक जुर्माना वसूलने का प्रावधान है। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर एक माह कैद की सजा हो सकती है। साल भर पहले तक यदा कदा आबकारी महकमे की टीम खुले में शराब पीने वालों के खिलाफ कार्यवाही करती थी। लेकिन अब कार्यवाही के प्रति उदासीनता के चलते खुले में शराबखोरी की प्रवृत्ति उफान पर आ गई है। सरकारी शराब दुकान में पीने की सुविधा के नाम पर केवल पानी व गिलास उपलब्ध कराये जाने का नियम है। लेकिन साफ सफाई सही नहीं रहने की वजह से लोग शराब खरीदने के बाद आसपास की सड़क और खुले मैदानों पर ही मयखाना सजा रहे हैं। इससे आम लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

दरअसल भिलाई-दुर्ग और इसके आसपास की ज्यादातर शराब दुकानें शहर के बाहरी इलाके में है। ऐसे इलाकों के आसपास नवविकसित कालोनियां है। इन कालोनियों में मकानों की संख्या सीमित तथा उनके अंतराल अधिक होने से शराब के शौकीन सड़क या आसपास के खाली भूखण्डों पर बैठकर जाम से जाम टकराते है। इस दौरान कालोनी में रात के वक्त आने जाने वालों के साथ विवाद की आशंका बनी रहती है।

भिलाई शहर टाउनशिप के सिविक सेंटर के आसपास की खुली जगह और सड़कों पर देर रात तक होने वाली शराबखोरी किसी से छिपी नहीं है। टाउनशिप की गैरेज रोड और फारेस्ट एवेन्यू सड़क पर भी खुले में शराबखोरी को किनारों में फेंके गए बोतल, डिस्पोजल गिलास और सीलबंद चखनों के खाली रैपर स्वत: ही साबित कर रही है। भिलाई के जुनवानी, कोहका व कुरुद रोड पर भी देर रात तक चार पहिया व दुपहिया वाहन लेकर खड़े नौजवानों को जाम से जाम टकराते देखा जा सकता है। वैशाली नगर, हाउसिग बोर्ड कालोनी, केम्प क्षेत्र, खुर्सीपार, जामुल सहित भिलाई-3 व चरोदा की अंदरुनी सड़कें और खुले मैदान रात के समय शराबखोरी का अड्डा बने हुए हैं।

यहां पर यह बताना लाजिमी होगा कि भिलाई-3 व चरोदा इलाके में नियम कायदों के अनुसार शराब पीने के लिए एक भी बार नहीं है। शराब का सरकारी स्तर पर विक्रय शुरू होने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन सुनिश्चित कराने राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित भिलाई-3 व चरोदा के दोनों बार का बंद करा दिया गया।

इस वजह से भिलाई-3 व चरोदा में सबसे ज्यादा शराबखोरी खुले में हो रही है, यह कहना गलत नहीं होगा। भिलाई-3 में उमदा रोड पर देशी व विदेशी शराब की दुकानों के चलते गौरवपथ सड़क देर रात तक शराबियों से आबाद रहता है। चरोदा में शराब दुकानों के आसपास और हनुमान मंदिर के पीछे रेलवे मैदान की इन दिनों खुले में शराब पीने वालों का सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है।

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