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निरीक्षण पर आये केन्द्र सरकार के जलशक्ति मंत्रालय के टास्कर्फो ने सदस्यों ने कहा

जिसे पूरे देश आज गंभीरता से ले रहा है,उसपर बीस साल पहले से ही पाटन में चल रहा है वाटर रिचार्ज का कार्य

तत्कालीन राजस्व मंत्री भूपेश बघेल की पहल पर हुई थी पहल

भिलाई। पूरे देश में अब लोग वाटर रिचार्ज की गंभीरता को समझ रहे हैं। यह कमाल की बात है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीस बरस पहले ही पीएचई मंत्री रहते हुए आसन्न संकट की गंभीरता को समझा और गजरा वाटर शेड के रूप में भू.जल संवर्धन की सुंदर योजना लाई जिसके माडल पर उन्होंने पूरे प्रदेश में ग्राउंड वाटर रिचार्ज के लिए नरवा योजना लाई। गजरा वाटर शेड देखकर यह प्रतिक्रिया केंद्र सरकार के जलशक्ति मंत्रालय द्वारा गठित टास्क फोर्स के सदस्यों ने जाहिर की।

उल्लेखनीय है कि देश में पानी की एक.एक बूंद को सहेजने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया है। इसके अंतर्गत गठित टास्क फोर्स देश भर में जल संरक्षण के सबसे अच्छे प्रयोगों को परख रही है ताकि इनसे मिले फीडबैक के आधार पर जल संरक्षण के उपयोगी कार्यक्रम संचालित किए जा सकें। इसी उद्देश्य से छत्तीसगढ पहुंचे टास्क फोर्स ने गजरा वाटरशेड देखा। उस समय पीएचई मंत्री रहे भूपेश बघेल ने वाटर रिचार्ज के उद्देश्य से इसका निर्माण कराया था। अपने निर्माण के 20 बरस बीतने के बाद भी गजरा वाटरशेड क्षेत्र के लोगों के लिए उपयोगी बना हुआ है। इसके बनने के बाद भूमिगत जल का स्तर तेजी से बढा और आसपास जलसंकट तो दूर हुआ ही, खेती के लिए भी बोर में पर्याप्त पानी आ गया। टास्क फोर्स के सदस्यों ने इसकी प्रशंसा की। टास्क फोर्स के सदस्य रहे पूर्व चीफ इंजीनियर श्री हिंगोरानी ने बताया कि इसके प्रोजेक्ट के निर्माण के वक्त वे भी इसी विभाग में थे। अभी मुख्यमंत्री और उस समय पीएचई मंत्री रहे श्री बघेल ने इस प्रोजेक्ट के लिए कड़ी मेहनत की थी और तकनीकी बिंदुओं सहित सभी बिन्दुओं पर मार्गदर्शन प्रदान किया था। यह इतना सार्थक काम रहा कि अब तक ग्रामीणों के लिए उपयोगी बना हुआ है। श्री हिंगोरानी ने बताया कि आज से 20 साल पहले श्री भूपेश बघेल ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए जिस स्ट्रक्चर का निर्माण करवाया उससे 250 वर्ग किमी में फैले 46 गांवों में भूमिगत जल स्तर में कमाल का उछाल आया है। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार ने विस्तार से जिले में चल रहे नरवा, गरवा, घुरूवा बाड़ी के अंतर्गत नरवा कंपोनेट की जानकारी दी। इस दौरान पीएचई के चीफ इंजीनियर एके साहू, एसडीएम विनय पोयाम, एसई ए के लखेरा, ईई समीर शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

गजरा वाटरशेड से पडऩेवाला फर्क

गजरा वाटरशेड मूलत: भूजलसंवर्धन का प्रोजेक्ट था। 20 बरस पहले पाटन क्षेत्र के कुछ गांवों में वाटर लेवल गर्मियों में 40 मीटर तक नीचे चला जाता था। विचार किया गया और भू.जल संवर्धन के लिए गजरा वाटरशेड लाने का निर्णय किया गया। इसके लिए एक्शन प्लान तैयार करने श्री बघेल खुद इंजीनियरों के साथ बैठे और साइट का गहन अवलोकन भी किया। इसमें 101 प्रकार के डिजाइन तैयार किए गए जिसमें मेसनरी स्टाप डेम, परकोलेशन डेम, बोल्डर चेक डेम, सिल्ट ट्रेप, डिसिल्ट आफ पोंड आदि शामिल हैं। सारे स्ट्रक्चर डेढ़ से दो मीटर तक थे, इसका उद्देश्य था कि पानी नीचे जाए। आज जब टास्क फोर्स गजरा वाटरशेड के पास अमेरी पहुंचा। वहां कुछ किसान मौजूद थे, उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के बनने से पेयजल संकट और सिंचाई का संकट पूरी तरह से समाप्त हो गया। श्री हिंगोरानी ने बताया कि ग्राउंड वाचर रिचार्ज होने से बड़े क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। पीएचई के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर समीर शर्मा ने बताया कि पहले जो पानी चालीस मीटर तक नीचे चला जाता था, अब गर्मियों में भी 15 मीटर तक मिल जाता है। फिलहाल प्रोजेक्ट के गांवों में पानी छह मीटर से नौ मीटर तक उपलब्ध है।

जलप्रदाय योजनाओं की तारीफ भी की।  सबको पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में केंद्र सरकार की योजना जल जीवन मिशन आई है। टास्क फोर्स आज ग्राम तर्रा पहुंची, यहां इन्होंने गांव में नलजल योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली। टास्क फोर्स के सदस्यों ने कहा कि गांव के 227 परिवारों को मिनीमाता योजना के अंतर्गत शुद्ध जल दिया जा रहा है यह काबिले तारीफ है। उन्होंने सरपंच से इसके करारोपण संबंधी एवं संचालन संबंधी अन्य जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में आपके द्वारा किये गए कार्य सराहनीय हैं।

पाहंदा में देखा माडल गौठान कहा अच्छा कार्य

टास्क फोर्स के सदस्य सबसे पहले पाहंदा पहुंचे। यहां उन्होंने माडल गौठान देखा। जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार ने विस्तार से नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी योजना की जानकारी दी तथा यहां हो रहे नवाचारों के बारे में बताया। टास्क फोर्स के सदस्य यहां काम कर रहीं स्वसहायता समूह की महिलाओं से भी मिले। उन्होंने कहा कि इस तरह के नवाचारों से ग्रामीण विकास को तेज गति से बढ़्ाया जा सकता है।

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