अपोलो प्रबंधन डॉ अपराध दर्ज।नरेंद्र विक्रम यादव एवं अपोलो प्रबंधन के विरुद्ध 420, 465, 466, 468, 471, 304, 34 अपराध दर्ज।

अपोलो प्रबंधन डॉ अपराध दर्ज।नरेंद्र विक्रम यादव एवं अपोलो प्रबंधन के विरुद्ध 420, 465, 466, 468, 471, 304, 34 अपराध दर्ज।
आवेदक डॉ प्रदीप शुक्ला पिता स्व पंडित राजेंद्र प्रसाद शुक्ला निवासी मुंगेली नाका बिलासपुर के द्वारा थाना सरकंडा में शिकायत प्रस्तुत किया गया था , कि आवेदक के पिता पंडित स्व राजेंद्र प्रसाद शुक्ला जो कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं विधायक थे। जिनको सांस लेने में तकलीफ होने पर उपचार हेतु दिनांक 2 अगस्त 2006 को अपोलो अस्पताल बिलासपुर में भर्ती कराया गया था अपोलो अस्पताल बिलासपुर में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव के द्वारा राजेंद्र प्रसाद शुक्ल का एंजियोग्राफी एवं एंजियोग्राफी किया गया था। ऑपरेशन के 2 घंटे के अंदर पंडित प्रसाद शुक्ला तबीयत बिगड़ने लगा, जिन्हें आई सी यू में भर्ती कर दिया गया।
डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव एवं अपोलो प्रबंधन के द्वारा 18 दिनों तक राजेंद्र शूक्ला को आई सी यू में भर्ती कर उपचार किया गया, किंतु उनकी मौत हो गई । उनके मौत के मामले में तत्कालीन समय में लीपा पोती की गई अपोलो प्रबंधन द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा से उनके उपचार में खर्च हुए 20 लाख रुपए प्राप्त किया गया है । समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ कि डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव वर्तमान में डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम के नाम पर मिशन हॉस्पिटल दमोह में हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में पदस्थ था ,जहां मरीजों के एंजियोप्लटी करने से के कारण कई मरीजों की मौत हुई है । मामले में जिला दमोह में अपराध पंजीबद हुआ है, डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव का कार्डियोलॉजिस्ट का डिग्री फर्जी पाया गया है, डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को गिरफ्तार किया गया है ।
उपरोक्त शिकायत का जांच किया गया डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम का डिग्री फर्जी पाया गया एवं इंडियन मेडिकल काउंसिल /छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में पंजीयन का दस्तावेज अभी तक नहीं मिला है।
अपोलो प्रबंधन के द्वारा सम्यक जांच पड़ताल किए बिना डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में बिलासपुर में पदस्थापना देकर पंडित राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के साथ-साथ अन्य कई हृदय संबंधी रोग संबंधी मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया गया । यह मामला चिकित्सकीय लापरवाही का नहीं है बल्कि अपराधिक मानव वध का मामला है। अतः मामले में डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव एवं अपोलो अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध अप. क्र .– 563/ 2025 , धारा – 420, 465, 466, 468, 471, 304, 34 आईपीसी के अंतर्गत अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया है ।