Fake Job Card Mnrega Scam: एमपी में मनरेगा योजना में बड़े घोटाले का खुलासा, फर्जी जॉब कार्ड से करोड़ का झोल! जानें क्या है पंचायत सचिवों की करतूत

मुरैना: Fake Job Card Mnrega Scam: मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। इस भ्रष्टाचार में फर्जी जॉब कार्ड बनाकर करोड़ों रुपये की मजदूरी निकाली गई। मामले की जांच के बाद जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) कमलेश कुमार भार्गव ने चार पंचायत सचिवों को निलंबित कर दिया, साथ ही छह ग्राम रोजगार सहायकों को शासकीय कार्य से पृथक कर दिया गया।
घोटाले का खुलासा
Fake Job Card Mnrega Scam: जिला पंचायत सीईओ द्वारा गठित जांच टीम ने पाया कि कई मजदूरों के नाम मतदाता सूची में नहीं थे फिर भी उनके नाम पर सरकारी धन निकाला गया। खास बात यह रही कि पंचायतों में वोटर लिस्ट से अधिक संख्या में मजदूर कार्यरत पाए गए। इतना ही नहीं, जांच में पाया गया कि कुछ सरनेम के लोग, जो इन गांवों में रहते ही नहीं वे भी सरकारी रिकॉर्ड में मजदूरी कर रहे थे।
निलंबित अधिकारियों के नाम
Fake Job Card Mnrega Scam: जांच के दौरान गड़बड़ी की पुष्टि होने पर चार पंचायत सचिवों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। अखलेश चतुर्वेदी,ग्राम पंचायत कढावना, सबलगढ़ जनपद, बासुदेव, ग्राम पंचायत बहरारा, कैलारस जनपद, राजेंद्र कुशवाह ग्राम पंचायत सिंघोरा, जौरा जनपद, लोकेन्द्र सिंह, ग्राम पंचायत नायकपुरा, मुरैना जनपद, को निलंबित किया है। निलंबन के दौरान इन्हें जीवन निर्वाह भत्ता दिए जाने की पात्रता होगी।
फर्जी नामों से निकाले गए पैसे
Fake Job Card Mnrega Scam: जांच में यह भी सामने आया कि सरकारी रिकॉर्ड में ऐसे लोगों को मजदूर दिखाया गया, जिनकी जाति या सरनेम से संबंधित कोई भी व्यक्ति गांव में मौजूद नहीं है। इनमें 36 लोग शर्मा, 12 गुप्ता और अन्य अग्रवाल, बंसल, उपाध्याय और पाठक सरनेम वाले शामिल हैं। मनरेगा योजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में बेरोजगार लोगों को काम उपलब्ध कराना है, लेकिन इस योजना के तहत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आया है। पंचायतों के जिम्मेदार अधिकारियों ने मिलीभगत कर फर्जी नामों से जॉब कार्ड बनाए और मजदूरी की राशि हड़प ली।