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PM Modi Podcast Video: ‘पत्रकारिता मधुमक्खी की तरह होनी चाहिए, मक्खी की तरह नहीं’.. मीडिया के सवाल पर आखिर PM में क्यों दी ये मिसाल?.. सुनें..

PM Narendra Modi Podcast with Lex Fridman

PM Narendra Modi Podcast with Lex Fridman: नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रसिद्ध पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अपने निजी जीवन, गैर-राजनीतिक पहलुओं और सियासी अनुभवों से जुड़े कई सवालों के जवाब दिए। बातचीत के दौरान फ्रीडमैन ने गोधरा कांड से जुड़ा सवाल भी पूछा, जिस पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी।

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पत्रकारिता पर सवाल

पत्रकार जगत में आलोचना से जुड़े सवाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वृत्तांत सुनाते हुए बताया कि एक बार वह लन्दन में पत्रकारों के सम्मलेन में गए हुए थे। यहां उन्होंने बताया कि पत्रकारिता मधुमक्खी की तरह होनी चाहिए, जो फूलों पर बैठकर मधु प्रसारित करती है, न कि मक्खी की तरह जो गन्दगी पर बैठकर गन्दगी फैलाती है। उन्होंने आगे कहा कि पत्रकारिता को मधुमक्खी की तरह इसलिए भी होना चाहिए कि जब कभी कोई गलत करें तो मधुमक्खी ऐसा डंक देती है। .. सुनें बातचीत के ये अंश

टीम इण्डिया बेहतर या पाकिस्तान की टीम?

PM Narendra Modi Podcast with Lex Fridman: लेक्स फ्रीडमैन ने पीएम मोदी से क्रिकेट से जुड़े रोचक सवाल भी किये। उन्होंने पूछा कि टीम इंडिया और चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्ती क्रिकेट टीम में किसे बेहतर मानते है? इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि, वह क्रिकेट के एक्सपर्ट नहीं है और न ही उन्हें क्रिकेट के तकनीक की जानकारी है लेकिन परिणामों से इसे समझा जा सकता है। देखें ये बातचीत के अंश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पॉडकास्ट

PM Narendra Modi Podcast with Lex Fridman : पॉडकास्ट के दौरान लेक्स फ्रीडमैन ने प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या उन्हें मृत्यु से डर लगता है? इस सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी पहले तो जोर से हंसे, फिर उन्होंने उल्टा फ्रीडमैन से ही सवाल किया – “आप निश्चित रूप से किसे मानते हैं? जीवन या मृत्यु?”

PM Narendra Modi Podcast with Lex Fridman: इस पर फ्रीडमैन ने जवाब दिया कि जीवन नहीं, बल्कि मृत्यु ही सबसे बड़ा सच है। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जीवन ही मृत्यु है। जो भी जीवित है, उसकी मृत्यु निश्चित है। जहां तक जीवन का सवाल है, तो यह लगातार पनपता रहता है। मृत्यु एक अटल सत्य है, तो हमें इससे डरने की क्या जरूरत? हमें अपनी पूरी ऊर्जा जीवन को संवारने और निखारने में लगानी चाहिए, न कि मृत्यु के बारे में सोचकर अपना दिमाग खपाना चाहिए।” इस रोचक बातचीत का यह अंश आप भी सुन सकते हैं।

 

 

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