Holi Par Anokhi Parampara: होली पर अनोखी परंपरा! लकड़ी के ऊपर लटकाया बकरा, फिर रस्सी घुमाने वाले शख्स पर बरसाए कोड़े, जानें क्यों किया जाता है ऐसा

रायसेन। Holi Par Anokhi Parampara: ‘बली का बकरा’ ये कहावत तो आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन रायसेन जिले में इस कहावत को चरितार्थ करने वाली परंपरा चली आ रही है। होली के मौके पर रायसेन जिले के बनगंवा गांव में बकरे को ऊपर लटकाकर घुमाने की अलग परंपरा निभाई जाती है। इसमें करीब 20 फीट की ऊंचाई पर लकड़ी के एक सिरे पर बकरे को बांधकर लटकाया जाता है। दूसरे सिरे पर रस्सी बांधकर घुमाया जाता है, रस्सी घुमाने वाले व्यक्ति को जोर-जोर से कोड़े मारे जाते हैं और यहाँ होली के मौके पर वीर बम्बो बाबा का मेला लगता है।
होली पर मेले में अनोखी परंपरा
ग्रामीणों की मानें तो ये मेला सदियों से लग रहा है। मेले को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। मेले में होने वाली अनोखी परंपरा ही इसकी खासियत है। इसमें बकरे को ऊपर लटका कर सात बार परिक्रमा कराई जाती है और रस्सी घुमाने वाले व्यक्ति को कोड़े मारे जाते हैं। लोगों का मानना है कि जो कोड़ें मारे जाते हैं उनसे दर्द नहीं होता है, बल्कि इससे तकलीफ और बीमारियां दूर हो जाती हैं।
सदियों से यह मेला हलारिया परिवार के द्वारा लगाया जाता है। हलारिया परिवार के लोग इस परंपरा को सेकड़ों सालों से मनाते हुए आ रहे हैं। इनका कहना है कि पहले बकरे की जगह पर इंसान को लटकाया जाता था, लेकिन एक बार इंसान गिर गया था, उसके बाद से बकरे को लटकाया जाता है। आसपास के 10-12 गांवों के लोग इस मेले को देखने आते हैं। भारी भीड़ के चलते पुलिस बल भी तैनात रहता है बनगंवा गांव के नाम के पीछे भी खास किस्सा है।
मान्यता है कि भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्षमण वनवास के समय इसी गांव में रुके थे, इसलिए इस ग्राम का नाम वनगवां पड़ा। इसी गांव में होली के मौके पर खास मेले का आयोजन किया जाता है और बकरा घुमाकर कोड़े मारने की परंपरा निभाई जाती है। इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग गांव में आते हैं।