MP Budget 2025: ‘काम लगातार, फैसले असरदार’.. होली से पहले मोहन सरकार ने कर दिए ये बड़े ऐलान, देखें मध्यप्रदेश बजट-2025 के मुख्य बिंदु

भोपाल। MP Budget 2025 Live: मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का आज तीसरा तीन है। आज डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा मोहन सरकार का दूसरा बजट पेश किया। इस बजट से प्रदेश के युवाओं, महिलाओं से लेकर किसानों का भी ध्यान रखा गया है। सरकार युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों को लेकर भी बड़े ऐलान किया है। शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्टर के क्षेत्र में भी मोहन सरकार ने बड़ी सौगात दी है। यहां जानिए इस बार मोहन सरकार ने अपने दूसरे बजट में क्या-क्या घोषणा की है।
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि मैं मध्यप्रदेश का 2025 26 का बजट पेश कर रहा हूं। हमारी सरकार का लक्ष्य विकसित मप्र है। मुझे गर्व है इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हमारी सरकार गरीब कल्याण मिशन, युवा कल्याण मिशन, किसान कल्याण मिशन, नारी कल्याण मिशन, के रूप में काम कर रही है। जीरो वेस्ट बजटिंग प्रक्रिया से बजट तैयार किया है। आम जनता ,अर्थशास्त्रियों से चर्चा कर बजट तैयार किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश में विकास हो जनता का जीवन खुशहाल हो शिक्षा और स्वास्थ्य अंतरराष्ट्रीय स्तर की हो। सरकार औद्योगिक विकास पर ध्यान दे रही है। सरकार समाज के समस्त वर्गों के विकास के लिए काम कर रही। 2025-26 का बजट जीरो बेस्ट बजट प्रक्रिया से तैयार किया है। इस प्रक्रिया के माध्यम से बजट की राशि के सही परिणाम मिलेंगे और अधिक सार्थक बनाने के लिए रहेंगे। प्रस्तावित बजट में हमारी कुछ नई ख्वाहिश है जनता और जनप्रतिनिधियों की बेशुमार फरमाइश है, कर सके हम सभी पूरी यह हमारी कोशिश है।
आर्थिक सूझबूझ का नेतृत्व प्राप्त है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता एवं संकल्पों के परिणाम स्वरुप भारत की अर्थव्यवस्था में निरंतर वृद्धि हो रही है। नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रदेश के ऊर्जावान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी के कुशल नेतृत्व में हमारी सरकार ने भी प्रदेश के लिए विकसित प्रदेश 2047 का विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है। हमारा लक्ष्य है राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाकर 250 लाख करोड़ तक पहुंचाना। हाल ही में प्रदेश में 16 वें वित्त आयोग का प्रवास हुआ था, जिसमें प्रदेश की ओर से केंद्रीय करों में अधिक हिस्सेदारी तथा राजकोषीय प्रबंधन विषय बिंदुओं पर अपना पक्ष मजबूती से रखते हुए ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। राज्यों में बेहतर राजकोषीय प्रबंधन के लिए इकोनॉमिक्स रिसर्च द्वारा फिजिकल काउंसिल के गठन की अनुशंसा की गई है।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था तथा आर्थिक एवं सामाजिक विकास में पशुपालन की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों के हित में “मुख्यमंत्री डेयरी विकास योजना” प्रारम्भ की गई है, जिसके अंतर्गत मध्यप्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन तथा संबद्ध दुग्ध संघों के संचालन एवं प्रबंधन के लिये राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के साथ अनुबंध की स्वीकृति दी गई है। इस अनुबंध से दुग्ध सहकारी समितियों की संख्या तथा दुग्ध संकलन में वृद्धि होगी एवं प्रदेश का साँची ब्रांड मजबूत होगा। दुग्ध उत्पादकों को दूध के उत्पादन और संकलन को बढ़ाने के लिए दुग्ध संकलन पर 5 रुपये प्रति लीटर की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इस हेतु “मुख्यमंत्री डेयरी विकास योजना” के अंतर्गत रुपये 50 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
वृहद स्तर पर स्वावलंबी गौशालाएँ स्थापित करने हेतु नीति तैयार की जा रही है। प्रदेश में संचालित लगभग 2 हजार 200 गौशालाओं में 3 लाख 45 हजार से अधिक गौवंश का पालन हो रहा है। गौशालाओं में पशु आहार के लिए प्रति गौवंश प्रतिदिन रुपये 20 को दोगुना कर रुपये 40 किया जा रहा है। “गौ संवर्धन एवं पशुओं का संवर्धन योजना” में रुपये 505 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
मध्यप्रदेश बजट 2025 – मुख्य बिंदु
लाड़ली बहनों को अटल पेंशन योजना से जोड़ेंगे।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा और प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना का लाभ।
आगामी 5 वर्षों में उद्योगों को ₹30,000 करोड़ के इंसेंटिव।
खाद्यान्न योजना के लिए ₹7,132 करोड़ का प्रावधान।
श्रम विभाग के लिए ₹1,808 करोड़ का प्रावधान।
आकांक्षा योजना के लिए ₹20.52 करोड़ का प्रावधान।
जनजातीय वर्ग के लिए प्रमुख योजनाएं
23,000 प्राथमिक स्कूल, 6,800 माध्यमिक स्कूल, 1,100 हाई स्कूल।
900 उच्चतर माध्यमिक स्कूल, 1,078 आश्रम, 1032 सीनियर छात्रावास।
कुपोषण मुक्ति आहार अनुदान – 2.20 लाख महिलाओं को ₹1,500।
अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग कल्याण
अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के लिए ₹25 करोड़।
पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण के लिए ₹1,086 करोड़।
गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिए विशेष बीमा योजना।
रोजगार व औद्योगिक विकास
प्रदेश में 39 नए औद्योगिक क्षेत्र – 3 लाख से अधिक नौकरियां।
प्रसूति, विवाह और अंत्येष्टि सहायता के लिए ₹3,917 करोड़।
विशेष पिछड़ी जातियों के लिए 53,000 से अधिक आवास, 22 नए छात्रावास।
विकास के दीर्घकालिक लक्ष्य
वर्ष 2047 तक सकल घरेलू उत्पाद ₹250 लाख करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य।
वार्षिक आय ₹22.33 लाख तक बढ़ाने की योजना।
2024 की तुलना में बजट में 15% वृद्धि।
सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर देश में सबसे अधिक – 22 वर्षों में 17 गुना वृद्धि।
सरकार का मंत्र: “काम लगातार, फैसले असरदार”