Indian Law For Bhang Ganja And Charas: धोखे से भी गांजा रखने पर हो सकती है इतने साल की जेल, भांग और चरस के लिए भी बना है ये कानून

नई दिल्लीः Indian Law For Bhang Ganja And Charas चरस, गांजा, कोकीन, हेरोइन, एलएसडी, मॉर्फिन और अफीम जैसे नशीले पदार्थ भारत में आम जनता द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अवैध पदार्थों में से हैं। इनका अक्सर इस्तेमाल नशा करने के लिए किया जाता है। इससे होने वाले दुष्प्रभाव के चलते सरकार ने बैन किया हुआ है। अगर आप गांजा अपने घर में रखते हैं या फिर पीते और बेचते हुए पाए जाते हैं तो कानूनन आपको सजा हो सकती है। या फिर आपके ऊपर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर जानते हैं कि भारत में क्या लीगल और क्या नहीं? इस तरह के अपराधों में कितनी सजा हो सकती है।
Indian Law For Bhang Ganja And Charas गांजा के मामलों में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटैंस एक्ट 1985 के तरत कार्रवाई की जाती है। एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई पर ड्रग्स की मात्रा को तीन भागों में बांटा जा चुका है। पहले नंबर पर स्मॉल क्वांटिटी, दूसरे पर मीडियम क्वांटिटी और तीसरे पर कॉमर्शियल क्वांटिटी। गांजे के लिए स्मॉल क्वांटिटी एक किलो से कम, मीडियम 20 किलो से कम और कॉमर्शियल 20 किलो से ज्यादा है। गांजे की खेती भी कॉमर्शियल में आती है। स्मॉल क्वांटिटी में गांजा पकड़े जाने पर एक साल की सजा और 10,000 तक का जुर्माना, मीडियम और कॉमर्शियल क्वालिटी के लिए 10 साल की सजा और 10 लाख के जुर्माने का प्रावधान है।
चरस के लिए सजा की बात करें तो 100 ग्राम तक चरस पकड़ने पर एक साल की जेल या 10 साल की सजा। वहीं 100 ग्राम से 1 किलोग्राम तक चरस मिलने पर 10 साल की जेल और एक लाखा का जुर्माना, इसके अलावा 1 किलो से ज्यादा चरस पकड़े जाने पर 10-20 साल तक की सजा और एक से दो लाख का जुर्माना लग सकता है। अब बारी आती है भांग की। भांग पर वैसे तो बैन नहीं है। इनको सरकारी दुकानों पर बेचा जाता है। इनकी दुकान के ठेके होते हैं, पक्का लाइसेंस होता है और टेंडर भी होता है।