छत्तीसगढ़

कौन बनेगा नगर पालिका अध्यक्ष, किसकी बनेगी सरकार

कौन बनेगा नगर पालिका अध्यक्ष, किसकी बनेगी सरकार

देवेन्द्र गोरले सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-

डोंगरगढ़- छत्तीसगढ़ कॉग्रेस सरकार द्वारा बनाये गये नये नियम के दांव पेंच में खुद कांग्रेस ही उलझती हुई नजर आ रही है। जैसा कि आप जानते हैं कि हाल ही पूरे छत्तीसगढ़ में नगरीय

 

 

 

निकाय चुनाव संपन्न हुए हैं लेकिन इस बार कांग्रेस ने पुरानी परंपरा को बदलकर नया नियम लागू किया कि नगर पालिका अध्यक्ष व निगम महापौर जनता द्वारा निर्वाचित नहीं किये जायेंगे बल्कि निर्वाचित पार्षद अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। इसी नियम के दांव पेंच में डोंगरगढ़ नगर पालिका उलझ गई हैं क्योंकि यहाँ कुल वार्डो की संख्या 24 है और पालिका में सरकार बनाने के लिए 13 बहुमत का आंकड़ा है जिसमें से कांग्रेस के 10 पार्षद ही चुनकर आये है वहीं बीजेपी के 11 तो 3 वार्डो में निर्दलीय

 

प्रत्याशी पार्षद निर्वाचित हुए हैं। अब यहां पर बीजेपी को सरकार बनाने के लिए केवल दो पार्षदों की आवश्यकता है तो कांग्रेस को तीन और निर्दलीय पार्षद है केवल तीन। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तीन में से दो निर्दलीय पार्षद कांग्रेस के संपर्क में है तो एक निर्दलीय पार्षद बीजेपी के संपर्क में है। इस स्थिति में कांग्रेस के पास 12 पार्षद और बीजेपी के पास भी 12 पार्षद हो गए हैं लेकिन इसके बावजूद दोनों दल सरकार बनाने में असमर्थ दिखाई दे रहे हैं क्योंकि सरकार बनाने के लिए 13 पार्षदों की आवश्यकता है। अब जब तक बीजेपी के संपर्क का निर्दलीय पार्षद कांग्रेस के संपर्क में नहीं आता है या फिर क्रॉस वोटिंग नहीं होती है तब तक कांग्रेस सरकार नहीं बना सकती कमोबेश वही स्थिति बीजेपी के साथ भी है जब कांग्रेस के सम्पर्क का कोई निर्दलीय पार्षद बीजेपी के संपर्क में नहीं आता है या क्रॉस वोटिंग नहीं होती है तब तक बीजेपी सरकार नहीं बना सकती। जानकारी के अनुसार तीनों निर्दलीय पार्षद डोंगरगढ़ से नदारद है और कांग्रेस और बीजेपी के भी कुछ पार्षद शहर छोड़कर अन्य स्थानों पर घूमने चले गए हैं अब देखना यह है कि सत्ता सत्ता को खींचती है या फिर पासा उल्टा पड़ता है और विपक्ष पक्ष पर हावी होता है यह तो 5 जनवरी तक ही स्पष्ट हो पायेगा। यदि कांग्रेस सरकार अध्यक्ष चुनाव बंद नहीं करती तो परिस्थितियां कुछ ओर होती बहरहाल कांग्रेस अपने ही बनाये हुए नियम में उलझती हुई नजर आ रही है।

अगर बात करें इस नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन की तो आपको बता दें कि 2014 को हुए नगर पालिका चुनाव में भी कांग्रेस के 10 ही पार्षद निर्वाचित होकर आये थे और बीजेपी के 7 ही पार्षद निर्वाचित हुए थे तथा 7 वार्डों में निर्दलीय पार्षद चुनकर आये थे उस समय छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार थी और कांग्रेस विपक्ष की भूमिका निभा रही थी। 2019 के चुनाव में कांग्रेस सत्ता में होने के बावजूद 10 वार्डो में ही सिमट गई और विपक्ष की भूमिका निभा रही बीजेपी ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 11 वार्डों में अपना परचम लहराया वहीं निर्दलीय पार्षद केवल तीन ही जीतकर आये। जिस तरह 2014 के चुनाव में सत्ता में रहते हुए केवल 7 वार्डों में जीतना बीजेपी के लिए चिंता का विषय था उसी तरह 2019 में सत्ता में होने के बावजूद 10 वार्डों में सिमट जाना कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है।

 

 

विज्ञापन समाचार के लिए सपर्क करे-9425569117/9993199117

 

Related Articles

Back to top button