Prayagraj Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में भक्ति के अलग-अलग रंग.. इस्कॉन मंदिर से आई श्री राधा कृष्ण की पालकी, भजन में लीन दिखे विदेशी श्रद्धालु

Prayagraj Mahakumbh 2025 : प्रयागराज। 13 जनवरी से महाकुंभ 2025 का आगाज हो चुका है। महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर शुरू हुआ है। पौष पूर्णिमा स्नान के सफल समापन के बाद बुधवार महाकुंभ में नागा साधुओं का आखाड़ा अमृत स्नान किया। महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण आयोजन है, जो हर 12 वर्ष में संगम तट पर होता है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ संगम में स्नान करते हैं। अब सनातन और हिंदुत्व का वैभव पूरी दुनिया में दिख रहा है।
Prayagraj Mahakumbh 2025 : प्रयागराज कुंभ में भक्ति के अलग-अलग रंग नजर आ रहे हैं। ऐसा ही एक खूबसूरत तस्वीर तब नजर आई। जब इस्कॉन मंदिर से श्री राधा कृष्ण की पालकी में पालकी चलने वाला भी विदेशी नागरिक तो कृष्ण के भक्ति में नाचे और बजाने वाले भी विदेशी नागरिक नजर आए। इस्कॉन मंदिर के श्रद्धालुओं के साथ विदेशी नागरिकों ने और प्रयागराज कुंभ में पहुंचे। आम जनता ने भी राधाकृष्ण धुन पर जमकर नृत्य किया।
रूसी कपल ने दी दीक्षा
महाकुंभ में बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी पहुंचे हैं। यह विदेशी कुंभ सिर्फ घूमने नहीं आए हैं बल्कि भारतीय सनातन संस्कृति से रूबरू हो रहे। ऐसे ही एक रशियन कपल की महाकुंभ में पहुंचे हुए हैं। प्रयागराज महाकुंभ में रूस के रहने वाला कपल है जो कि अब साधु और साध्वी बन चुके हैं और सालों से भारत में रहकर अखाड़े में तपस्या कर रहे हैं। रशिया के रहने वाले दम्पति अग्नि अखाड़ा में दीक्षा ग्रहण कर चुके हैं।