अंदुरुनी क्षेत्र में प्राथमिक शिक्षा का लाचार व्यवस्था से बच्चों का भविष्य अंधकारमय

हरण बिस्वास
पखांजुर- वनांचलों की स्कूल में शिक्षकों का समय पर नहीं पहुचना और बिना छट्टी के स्कूल से गायब हो जाना आम बात हो गया है ज्ञात हो कि कोयलीबेड़ा ब्लाक के रेंगावहीँ संकुल अंतर्गत बुरगी में तीन दिनों से शिक्षक नदारत हैं। चपरासी और रसोईयो के द्वारा स्कूल का देखरेख किया जा रहा है। शिक्षकों की मनमर्जी इस कदर हावी हैं कि वे बच्चों के भविष्य को दरकिनार करते हुए बैठे बैठे शासकीय पैसे को प्रति महीना आहरण कर रहे हैं जब इसकी जानकारी मुख्यालय में बैठे अधिकारियों को दी जाती हैं तो सिर्फ आश्वासन के लिए कारवाही की बात करते हैं असल मे आज तक लापरवाह शिक्षको पे विभागीय गाज नही गिरी वैतौर इनके हौसले बुलंद होना लाजमी हैं । स्कूल में उपस्तिथ बच्चे सुरेश गोंडारु कक्षा 3री अमित धुर्वा कक्षा 1ली विशाल कोरसा कक्षा 5वी राहुल कोरसा कक्षा 2री रौसनी कवची कक्षा 4थी यशवंति कवाची कक्षा 2री राजेश पददा कक्षा 4थी ज्योति पददा कक्षा 4थी तथा ने बतलाया स्कूल दो शिक्षक हैं दोनों सोमबार से नही आये जिससे हमारी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। उल्लेखनीय हैं कि अंदरूनी क्षेत्र में अधिकारियों तथा संकुल समंवयक का दौरा नही होता हैं जिसका फायदा शिक्षक उठा लेते हैं इससे शासकीय स्कूलों की गुणवत्ता सुधर पाना मुश्किल हैं। ग्रामीणों ने बताया स्कूल के दोनों शिक्षक गायब है।बच्चे मध्यान्ह भोजन के बाद खेलकूद कर रहे है। फिर घर चले जाते हैं जब इस संम्बंध में संकुल समंवयक रमणी सलाम ने बतलाया मेरा एरिया बहुत बड़ा है इस लिए मैं सभी स्कूलों में नही जा पाता । अगर एक जिम्मेदार संकुल समंवयक और जिम्मेदार अधिकारी स्कुलो का दौरा नही करेंगे तो शिक्षा व्यवस्था कैसे सुधरेगी ।
नहीं होती माॅनिटरिंग
वनांचल के स्कूलों की समय-समय पर मॉनिटरिंग नहीं होती है। इसके कारण विभागीय अधिकारियों का शिक्षकों पर कोई नियंत्रण नहीं है। बगैर सूचना के शिक्षक कई-कई दिनों तक गायब रहते हैं। मॉनिटरिंग नहीं होने से शिक्षकों की गैरहाजिरी का पता भी नहीं चल पाता।जबकि नियम तह संकुल समन्वयक को रोजाना स्कूल का दौरा करना रहेता है।लेकिन यह तीन दिनों से शिक्षक गायब है और किसी भी अधिकारीओ को इसकी भनक तक नही लगी।
इसी सप्ताह में तीन दिन स्कूल का ताला ही नहीं खुलता।कभी कभी तो हाजरी लगाकर रवाना हो जाते हैं। इस कारण बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है।और तो और स्कूल के दीवारों में अभी भी पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व राज्यपाल,भूतपूर्व विधयाक और संसद का समान्य ज्ञान पढ़ाया जाता है।
पेटभर नहीं मिलता मध्यान्ह भोजन
स्कूली छात्रों और ग्रामीणों ने बताया स्कूल बंद रहने से मध्याह्न भोजन व्यवस्था भी प्रभावित रहती है।शिक्षक के नही आने से बच्चो ने बताया उन्हें स्कूल में मध्याह्न भोजन भरपेट नहीं मिलता है। बच्चों को पेटभर दाल चावल नहीं दी जाती। इस कारण उन्हें भूखों वापस लौटना पड़ता है।
इस संम्बंध में BEO कोयलीबेड़ा अर्जुन सर्फे ने बतलाया मैं इसकी जांच करवाता हूँ जांच सही पाया गया तो पंचनामा भी बनेगा । तथा अभी जितने दिन अनुपस्तिथि की सूचना मिल रही हैं उतने दिन की वेतन काटा जाएगा ।