Guru Ghasidas Jayanti: प्रदेशभर में आज मनाया जा रहा है बाबा गुरुघासीदास की 268वीं जयन्ती, सीएम साय ने दी बधाई
रायपुरः Guru Ghasidas Jayanti मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सतनाम पंथ के प्रवर्तक बाबा गुरू घासीदास जी की 18 दिसम्बर को जयंती पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। साय ने कहा है कि बाबा गुरू घासीदास जी ने अपने उपदेशों के माध्यम से दुनिया को सत्य, अहिंसा और सामाजिक सद्भावना का मार्ग दिखाया।
Guru Ghasidas Jayanti उन्होंने सम्पूर्ण मानव जाति को ’मनखे-मनखे एक समान’ का प्रेरक संदेश देकर समानता और मानवता का पाठ पढ़ाया। बाबा जी ने छत्तीसगढ़ में सामाजिक और आध्यात्मिक जागरण की आधारशिला रखी। उन्होंने लोगों को मानवीय गुणों के विकास का रास्ता दिखाया और नैतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना की। साय ने कहा कि गुरू घासीदास जी का जीवन दर्शन और विचार मूल्य आज भी प्रासंगिक और समस्त मानव जाति के लिए अनुकरणीय हैं।
FAQ Section:
1. बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती कब मनाई जाती है?
बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती 18 दिसंबर को मनाई जाती है, जो हर साल विशेष रूप से छत्तीसगढ़ में मनाई जाती है।
2. बाबा गुरु घासीदास जी के जीवन का मुख्य संदेश क्या था?
बाबा गुरु घासीदास जी का मुख्य संदेश था “मनखे-मनखे एक समान”, जिसका अर्थ था कि सभी मनुष्य समान हैं और जातिवाद या भेदभाव का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
3. बाबा गुरु घासीदास जी ने समाज में कौन से सुधार किए?
बाबा गुरु घासीदास जी ने सामाजिक समानता, सत्य, अहिंसा, और मानवीय गुणों के विकास का प्रचार किया। उन्होंने छुआछूत और जातिवाद के खिलाफ संघर्ष किया और समाज को एकजुट करने का प्रयास किया।
4. बाबा गुरु घासीदास जी का क्या योगदान था?
बाबा गुरु घासीदास जी ने छत्तीसगढ़ में सामाजिक और आध्यात्मिक जागरण की नींव रखी। उन्होंने अपने उपदेशों से लोगों को समानता, नैतिकता और अहिंसा का रास्ता दिखाया।
5. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती पर क्या कहा?
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी के उपदेश सत्य, अहिंसा और सामाजिक सद्भावना के थे, जो आज भी प्रासंगिक और अनुकरणीय हैं। उन्होंने बाबा जी के जीवन दर्शन को मानवता और समाज के लिए एक प्रेरणा बताया।