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CG Govt Teacher: छत्तीसगढ़ में हजारों सरकारी कर्मचारियों की नौकरी पर संकट, 15 हजार सदस्यों की गुहार, दया करो विष्णु सरकार

सरकार से न्याय मांगने के लिए अनुनय यात्रा, image source: IBC24

अंबिकापुर: chhattisgarh government Teacher, पहले मिली नौकरी अब आया नौकरी पर संकट,नौकरी पाने के बाद भी संघर्ष करने को मजबूर हैं प्रदेश के 2900 मेधावी शिक्षक, अब सरकार से न्याय मांगने के लिए अनुनय यात्रा निकाली है। रोजगार छीनने से 2900 शिक्षक ही नहीं बल्कि 2900 परिवार के करीब 15000 सदस्य प्रभावित होंगे। उन्होंने अब विष्णु देव सरकार से दया की गुहार लगाई है।

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CG Govt Teacher दरअसल, वर्ष 2023 में सरकार के द्वारा निकाली गई सहायक शिक्षक की भर्ती में सरगुजा और बस्तर संभाग के करीब 2900 बीएड धारक मेधावी युवा प्रवीण सूची में शामिल होकर सहायक शिक्षक बने। मगर न्यायालय के द्वारा दिए गए एक निर्देश के बाद उनके नौकरी पर ही संकट खड़ा हो गया है।न्यायालय के अनुसार सहायक शिक्षक जो कि प्राथमिक शाला के छात्रों को अध्ययन करने के लिए भर्ती किए गए हैं। उनके लिए बीएड नहीं बल्कि डीएड धारक पात्र हैं। ऐसे में अब सरगुजा और बस्तर संभाग के करीब 2900 बीएड धारी शिक्षक अपनी नौकरी को लेकर संशय की स्थिति में हैं।

chhattisgarh government Teacher वह भी तब जब मेधावी शिक्षक करीब 14 महीना तक अध्यापन का कार्य कर चुके हैं। उनकी मांग है कि इन्हें डीएड करने के लिए समय दिया जाए और वे अपने खर्चे पर भी डीएड करने को तैयार हैं। इसके अलावा अगर वे प्राथमिक शाला के छात्रों को पढ़ाने के पात्र नहीं तो उन्हें मिडिल स्कूलों में समायोजित किया जाए।

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यही कारण है कि तमाम जनप्रतिनिधियों और नेताओं से गुहार लगाने के बाद इन्हें मायूसी हाथ लगी है और अब इन्होंने सरगुजा से अनुनय यात्रा की शुरुआत की है। जिसके तहत महामाया मंदिर पहुंचकर इन्होंने पूजा अर्चना की और यहां से अपनी यात्रा की शुरुआत की है। इनका कहना है कि वो पैदल रायपुर तक अपनी यात्रा करेंगे और सरकार से गुहार लगाएंगे कि उन्हें समायोजित कर सरकार उनके पक्ष में फैसला दे।

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B.Ed डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों का कहना है कि सरगुजा और बस्तर जैसे आदिवासी अंचल से युवाओं को रोजगार मिलना एक बड़ा अवसर होता है, लेकिन अब तक उन्हें इस खुशी का अनुभव हो ही नहीं सका, जब से उनकी नौकरी लगी है तब से वह अपनी नौकरी को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और आज भी कई महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर भीषण ठंड में यात्रा करती दिखी। बहरहाल देखना होगा कि सरकार आखिर अब क्या कदम उठाती है।

FAQ: बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षक से जुड़े सामान्य सवाल

बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों की नौकरी पर संकट क्यों आया है?

प्राथमिक शालाओं में पढ़ाने के लिए न्यायालय ने डीएड डिग्री को अनिवार्य माना है, जबकि इन शिक्षकों के पास बीएड डिग्री है।

बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षक क्या कर रहे हैं?

वे डीएड करने का समय देने या मिडिल स्कूलों में समायोजित करने की मांग को लेकर अनुनय यात्रा निकाल रहे हैं।

2900 बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों की नौकरी बचाने के लिए क्या विकल्प हैं?

सरकार उन्हें डीएड करने का समय दे सकती है, या उनकी नियुक्ति मिडिल स्कूलों में कर सकती है।

बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों ने अब तक क्या कदम उठाए हैं?

शिक्षकों ने जनप्रतिनिधियों और नेताओं से गुहार लगाने के बाद अनुनय यात्रा शुरू की है, जो सरगुजा से रायपुर तक चलेगी।

सरकार इस समस्या का समाधान कैसे कर सकती है?

सरकार न्यायालय के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों को डीएड करने का मौका दे सकती है या उनकी योग्यता के अनुसार दूसरे पदों पर समायोजित कर सकती है।

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