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देश के कई राज्यों में करोड़ों का ठगी करने वाले पकड़ाये-एएसपी यादव ने किया खुलासा

टॉवर लगाने,इंश्योरेंस सहित कई प्रकार का झांसा देकर करते थे लोगों से ठगी
भिलाई के तीन लोगों से किया लगभग एक करोड रूपये का ठगी,
खुर्सीपार की बुजुर्ग महिला से 62 लाख की ठगी की शिकायत पर पुलिस ने की कार्यवाही
भिलाई। दुर्ग पुलिस ने एक ऐसे अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया था, जो देश के कई राज्यों में मोबाइल टावर लगाने, इन्श्यूरेंस करवाने और उसपर बोनस देने और उसी कंपनी के लोगों द्वारा बाद में आयकर अधिकारी बनकर करोडों रूपये का ठगी करते थे। इसमें भिलाई के खुर्सीपार की मनोरमा जैन से ही 62 लाख रूपये ठगी कर चुके हैं वहंीं भिलाई के सुपेला एवं नेवई क्षेत्र के अलावा अभी तक जो जांच में सामने आया है, उसमें ही केवल आठ करोड़ रूपये की ठगी का मामला सामने आया है, जितने सिमवाले सेलफोन, लैपटॉप एवं कई दर्जनों उनके ठगी करने वालों कॉपी, डायरी जो मिला है, उसमें डिटेल में और पुलिस विवेचना में पूरे देश से लगभग एक अरब तक के ठगी इस गिरोह द्वारा करने का अनुमान लगाया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार खुर्सीपार की एक बुजुर्ग महिला से इस गिरोह ने ठगी की। पिछले तीन साल में अलग अलग कहानी व किस्से गढ़ते हुए बुजुर्ग महिला से इस गिरोह ने 62 लाख 2500 रुपए की भारी रकम ऐंठ ली थी। 2015 में शुरू हुआ यह किस्सा 2019 तक चलता रहा। कभी बीमा पॉलिसी के रुपए निकालने, तो कभी चालान बनाने तो कभी रुपए जारी कराने के नाम पर बुजुर्ग महिला से ठगी होती रही। इस मामले में पीडि़त महिला ने एक मीडिया कर्मी की मदद से एसपी के समक्ष जुलाई माह में शिकायत की थी। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस काफी सजगता के साथ अलग अलग शहरों से सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं 8 आरोपी अब भी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है।
उक्त अंतर्राज्यीय ठगी मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी अजय यादव ने बताया कि दिल्ली के ठग गिरोह ने खुर्सीपार बुजुर्ग महिला को अपने जाल में ऐसा फंसाया कि उसने कई किस्तों में उनके बताए बैंक खातों में मुंहमांगी रकम जमा कराती रही। जबतक महिला को समझ में आया कि वह बड़ी ठगी की शिकार हो गई तो उन्होंनें अपने परिचित मीडिया कर्मी कमल शर्मा से संपर्क किया। पत्रकार कमल शर्मा की सहायता से मनोरमा जैन ने एसपी व आईजी के समक्ष शिकायत कर गुहार लगाई। शिकायत के बाद जब पुलिस ने जांच शुरू की और आरोपियों तक पहुंची। आरोपियों में अपूर्व गुप्ता नोएडा, मंजेश कुमार गाजियाबाद उत्तरप्रदेश, सैय्यद मोहम्मद जामिया नगर नईदिल्ली, ज्ञासुद्दीन अशोक नगर नई दिल्ली, कुंदन कुमार गाजियाबाद, सानू पाण्डेय गौतम बुद्ध नगर नोएडा, अर्जुन वर्मा नोएडा शामिल हैं। वहीं फरार आरोपियों में सोना उर्फ स्वर्णलता चौधरी, अंकित कुमार, कृष्णकांत गौतम, आदिल परवेस, मुस्तकीन, विजय कुशवाहा व विपिन शामिल हैं।
फोन पर संपर्क कर शुरू किया ठगी का खेल
एसएसपी ने बताया कि खुर्सीपार निवासी बुजुर्ग महिला मनोरमा जैन के मोबाइल नंबर पर दिल्ली से देवेन्द्र जैन नाम के एक व्यक्ति का फोन आया। उसने कहा कि घर की छत पर भारती और रिलायंस कंपनी का मोबाइल टावर लगवाने पर हर महीने 45 हजार रुपए किराया मिलेगा। लेकिन इसके लिए एचडीएफसी कंपनी का इश्योरेंस प्लान भी लेना होगा। पहली बार 96 हजार 890 रुपए भारती कंपनी और 88 हजार 435 रुपए रिलायंस कंपनी के नाम पर देवेंद्र ने खाते में जमा करवाया। वर्ष 2015 में ठगी का यह सिलसिला शुरू हुआ जो चार साल तक चलता रहा।
पूरी कंपनी चला रहे थे आरोपी
एसपी यादव ने बताया कि दिल्ली के यह ठग पूरी कंपनी चला रहे थे। आरोपियों के पास से बड़ी संख्या में लैंड लाइन फोन, मोबाइल फोन, बीमा प्लान, एटीएम कार्ड, आईकार्ड, मोबाइल डेटा व लेखाजोखा जब्त किया गया। आरोपियों ने मनोरमा जैन के अलावा 500 लोगों को अलग अलग मोबाइल नंबरो से कॉल किया और इनसे भी रकम ठगी की है। एसपी ने बताया कि आरोपियों को पकडऩे में हमारी साइबर टीम ले लगातार काम किया। पीडि़ता मनोरमा जैन को आरोपियों के संपर्क में रखा और उनके द्वारा किए जा रहे कॉल को ट्रेस करते रहे। इस प्रकार हमारी टीम आरोपियों तक पहुंची। आरोपियों द्वारा ठगी गई रकम करोड़ों में हो सकती है। एसपी यादव ने बताया कि फिलहाल फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है साथ ही अन्य बिंदुओं पर भी जांच की जा रही है।
ऐसे शुरू हुई ठगी की कहानी
मनोरमा जैन के साथ आरोपियों ने बड़े ही शातिराना अंदाज में ठगी की। सबसे पहले भारती कंपनी का बीमा कराया जिसमें 96890 रुपए जमा कराए। रिलायंस कंपनी में 88435 रुपए जमा किया। साथ ही एचडीएफसी कंपनी की पॉलिीसी 14700 व 15215 पॉॅलिसी मनोरमा जैन ने ली। यहां से शुरू हुआ ठगी का खेल, इसके बाद से ही मनोरमा जैन को अलग अलग व्यक्तियों के फोन आने लगे। इस दौरान पहले एके माथूर मो 07065155698 से फोन आया और फाइल निकलने वाला है इंटरेस्ट के तौर पर कुछ पैसे देने की बात की। इस पर से दिनांक 15 जनवरी 2016 को आदित्य वशिष्ठ के खाता क्रमांक 706802010000687 में चेक क्रमांक 21011217 के माध्यम से 25000 रुपए मौर्या टाकीज के पास एचडीएफसी बैंक में जमा किया। इसके बाद 21 जनवरी 2016 को चेक क्रमांक 21011219 के माध्यम से 45000 रुपए यूनियन बैंक सुपेला में जमा किया। 05 फरवरी 2016 को 38000 रुपए आदित्य वशिष्ठ के खाते में जमा किया। 12 फरवरी 2016 को चेक क्रमांक 001316 के माध्यम से 90000 रुपए जमा किया। इसी प्रकार 19 मार्च 2016 को 150000 व 22 मार्च 2016 को 150000 रुपए जमा किया। इसके अलावा 02 अपे्रल 2016 को चेक क्रमांक 001317 के माध्यम से 1,23000 रुपए करूणा अस्पताल के सामने आईसीआईसीआई बैंक में जमा किया।
फिर तो सिलसिला ही चल निकला
ठगी की कहानी यहीं नहीं रुका इसके बाद मनोरमा जैन को कविता चौधरी के नाम से मोबाइल नंबर 7836964751 से फोन आया। फोन पर चालान के लिए पैसा लगेगा बोलकर रुपए की मांग की गई। इस पर मैने 03 अगस्त 2016 को आईएस शालुसन के खाता क्रमांक 3768201000105 में चेक क्रमांक 417177 के माध्यम से 15400 रुपए जमा किए। इसके बाद सनराइज इंडिया के खाता क्रमांक 6258201000005 में 01 दिसंबर 2016 करे चेक क्रमांक 443964 के माध्यम से 64000 रुपए जमा किया। इसके बाद फिर से कविता चौधरी का फोन आया और चालान का पैसा जमा करने में देरी होने के कारण 64834 रुपए फिर से जमा करना होगा बोला गया। इसके बाद 09 दिसंबर 2016 को चेक क्रमांक 443965 के माध्यम से 64835 रुपए जमा किए। इसके बाद 22 फरवरी 2017 को वीके सर्विस खाता क्रमांक 020863300000254 ओखला इंडस्ट्रीयल ब्रांच में चेक क्रमांक 443970 के माध्यम से 98236 रुपए जमा किए।
पैसे निकालने के नाम पर शुरू हुई ठगी
इस बीच मनोरमा जैन के मोबाइल 9424111444 पर 8528611601 से कुनाल नाम के व्यक्ति का फोन आया। कुनाल ने मेरे द्वारा निवेश किए गए फाइल व पॉलिसी के संबंध में जानकारी ली। जानकारी लेने के बाद तमाम कंपनियों से रुपए वापस निकालकर देने की बात की। वह स्वयं को इंनकमटेक्स डिपार्टमेंट का इंसपेक्टर बताया। इसने एनओसी, चालान, जीएसटी व डीडी के नाम पर 26 जुलाई 2018 को चेक क्रमांक 21011186 के माध्यम से 288400 रुपए मुन्नादेवी के खाता क्रमांक 126501001891 में जमा किए। इसके बाद 06 सितंबर 2018 को चेक क्रमांक 21011187 के माध्यम से 56300 रुपए, 28 नवंबर 2018 को चेक क्रमांक 21011188 के माध्यम से 311960 रुपए, 31 दिसंबर 2018 को चेक क्रमांक 21011190 के माध्यम से 51900 रुपए जमा किया। इसी प्रकार रंजीत सिंह के खाता क्रमांक 756110110001839 में 01 अगस्त 2017 को चेक क्रमांक 443985 के माध्यम से 73831 रुपए एचडीएफसी बैंक मौर्या टाकीज में जमा किया। 19 अगस्त 2017 को चेक क्रमांक 000001 के माध्यम से 83466 रुपए, 07 अक्टूबर 2017 को चेक क्रमांक 000002 के माध्यम से 92342 रुपए, 07 अक्टूबर 2017 को ही चेक क्रमांक 000003 के माध्यम से 62052 रुपए, 01 सितंबर 2017 को चेक क्रमांक 000004 के माध्यम से 256590 रुपए, 03 जनवरी 2018 को चेक क्रमांक 000006 के माध्यम से 55000 रुपए, 01 फरवरी 2018 को चेक क्रमांक 000008 के माध्यम से 71000 रुपए,14 मार्च 2018 को चेक क्रमांक 000009 के माध्यम से 271000 रुपए, 13 अप्रेल 2018 को चेक क्रमांक 000010 के माध्यम से 297850 रुपए, 02 मई 2018 को चेक क्रमांक 000012 के माध्यम से 543430 रुपए, 06 जून 2018 को मुन्नादेवी के खाता क्रमांक 126501001891 में चेक क्रमांक 000014 के माध्यम से 110000 रुपए, 15 जून 2018 को चेक क्रमांक 000017 के माध्यम से 137095 रुपए जमा किए। इसी प्रकार 02 मई 2017 को आईटी सर्विस खाता क्रमांक 091611024132 देना बैंक लोधी रोड दिल्ली के ब्रांच में चेक क्रमांक 443972 के माध्यम से 38647 रुपए जमा किया। 07 अपे्रल 2017 को बिजेन्द्र सिंह के खाता क्रमांक 1147781360 एसबीआई फारूकाबाद ब्रांच में चेक क्रमांक 417180 के माध्यम से 98236 रुपए जमा किए। 19 अप्रेल 2017 को चेक क्रमांक 443971 के माध्यम से 30000 रुपए, 05 मई 2017 को चेक क्रमांक 443973 के माध्यम से 56905 रुपए, 11 मई 2017 को चेक क्रमांक 443977 के माध्यम से 27500 रुपए, 17 मई 2017 को चेक क्रमांक 443978 के माध्यम से 26731 रुपए, 16 मई 2017 को चेक क्रमांक 443976 के माध्यम से 97825 रुपए, 25 मई 2017 को चेक क्रमांक 443979 के माध्यम से 142378 रुपए, 30 मई 17 को चेक क्रमांक 443982 के माध्यम से 45684 रुपए जमा किया। इसके बाद अजीत मेहरा नाम के व्यक्ति ने वीजे फाइनेंस कंपनी का ऑफिसर बताकर मनोरमा जैन से कहा कि आपका फाइल नंबर एमएआर 332 राशि 7274344 रुपए आपको मिलने वाली है। इसके एवज में उसने कुछ राशि जमा करने कहा। इसके बाद आकाश सुहाग के खाता क्रमांक 1291001000014444 में 14 फरवरी 2019 को चेक क्रमांक 21011191 के माध्यम से 66500 रुपए जमा किया। 25 मई 2019 को चेक क्रमांक 901 के माध्यम से 66500 रुपए, 11 मई 19 को चेक क्रमांक 899 के माध्यम से 192000 रुपए, 29 मार्च 2019 को चेक क्रमांक 896 के माध्यम से 133700 रुपए जमा कराए। इसके अलावा 04 जून 2019 को चेक क्रमांक 6338940 के माध्यम से 8500 रुपए, 17 जून 19 को चेक क्रमांक 21011193 के माध्यम से 280000 रुपए जमा कराए। इसके बाद 19 जून 2019 को कुनाल कपूर नाम से फोन कर देवेन्द्र जैन के द्वारा आपकी फाइन निकलने वाली है इसके लिए कुछ रुपए और जमा कराएं। इसके बाद खाता क्रमांक 458610110012592 में 285500 रुपए जमा किया। इस प्रकार मेरे द्वारा अब तक इन अलग अलग खातों में लगभग 6202500 रुपए जमा किए जा चुके हैं।
बीमा चेक भेजा वह भी हुआ बाउंस
काफी दबाव के बाद देवेंद्र जैन ने फोन करके बताया की उसने 6294500 रुपए का चेककोरियर से भेजा। कोरियर से प्राप्त चेक को 27 जून 2019 को मैंने यूनियन बैंक शाखा उत्तर गंगोत्री भिलाई के खाते नंबर 438102010006542 मैं जमा किया जो कि बाउंस हो गया हो गया। इसके पश्चात देवेंद्र जैन से फोन पर बात होने पर उसने मुझे एक डीडी जो कि केनरा बैंक 7268432 का था भेजा जिसे मैंने अपने आईसीआईसी बैंक नंदिनी रोड शाखा के खाता क्रमांक 490229003 मैं जमा किया वह बाउंस हो गया। इसके बाद फिर से देवेन्द्र जैन व उसके अन्य साथी 11 लाख 50 हजार रुपए खाते में जमा करने धमका रहे थे।
https://youtu.be/UopqIkoxars

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