BJP New National President: दक्षिण भारत का नेता होगा BJP का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष!.. सामने आये चौंकाने वाले नाम.. जानें कब होगा ऐलान
BJP’s new national president will be from South India: नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बाद से नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश में जुटी भारतीय जनता पार्टी जल्द ही नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर सकती है। बीजेपी के मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा सांसद चुने जाने के बाद केंद्र में मंत्री बनाये जा चुके है। ऐसे में उनपर भी एक व्यक्ति, एक पद का फार्मूला लागू होगा। बीजेपी ने संगठनात्मक चुनावों की समीक्षा के दौरान सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे दिसंबर के पहले सप्ताह तक अपने राज्यस्तरीय चुनावों की प्रक्रिया पूरी कर लें। पार्टी के भीतर विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। बहुत संभव हैं कि दिसंबर के पहले हफ्ते में ही भाजपा अपने नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर दें।
दक्षिण भारतीय नेता पर नजर?
संभावना जताई जा रही है कि पार्टी की संसदीय समिति इस बार दक्षिण भारत के किसी नेता को कमान सौंप सकती है। भाजपा के पिछले रिकॉर्ड को देखें तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान भी बंगारू लक्ष्मण, जना कृष्णमूर्ति और वेंकैया नायडू जैसे दक्षिण भारतीय नेता अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके है। संघ के सूत्रों का मानना है कि भाजपा के लिए इस समय दक्षिण भारत में विस्तार के लिए वहां के किसी नेता को आगे लाना बेहतर होगा। इसके साथ ही, पार्टी अपने काडर और कोर समर्थकों को जोड़े रखने के लिए सामाजिक संतुलन बनाए रखने के लिहाज से सवर्ण समुदाय से ही अध्यक्ष चुन सकती है।
इन नामों पर चर्चा
BJP’s new national president will be from South India जम्मू कश्मीर और हरियाणा चुनाव से पहले जहां राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अनुराग ठाकु और स्मृति ईरानी के नामों पर चर्चा हो रही थी तो वही अब मनोहर लाल खट्टर, देवेंद्र फडणवीस, धर्मेंद्र प्रधान, जी. किशन रेड्डी, शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र सिंह तोमर जैसे नामों की चर्चा अध्यक्ष पद के लिए हो रही है।
शुभ लग्न का इंतज़ार
पार्टी और सियासी सूत्रों की मानें तो 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक खरमास का समय रहेगा, जिसमें कोई भी शुभ कार्य संपन्न नहीं होते है। ऐसे में पार्टी का नया अध्यक्ष इस दौरान पदभार ग्रहण नहीं करेगा। वहीं, जनवरी से दिल्ली विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, इसलिए बीजेपी के पास नए संगठन को स्थापित करने और चुनावी तैयारियों के साथ आगे बढ़ने के लिए ज्यादा समय नहीं होगा।