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हाईटेक हॉस्पिटल में युवक की मौत के बाद हंगामे का असल जिम्मेदार कौन ?

भिलाई – सुपेला निवासी अमर सिंग चौहान उर्फ़ गब्बर की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर उत्पात मचाया,  परिजनों का कहना था की पाच दिन से मरीज की हालत में लगातार सुधार हो रहा था फिर अचानक उसकी मौत हो जाना और डॉक्टर का सामने ना आना और मौत की वजह नहीं बताना संदेहास्पद है,  मृतक के भाई का कहना था की मेरा भाई कोरोना पाजीटिव था कोरोना वार्ड में उसका इलाज़ किया जा रहा था, लेकिन अस्पताल के द्वारा रोज हमको उससे मिलने के लिए बुलाया जा रहा था, और रोज हम लोग अपने भाई से मिल रहे थे बात कर रहे थे, उसके बाद अचानक मौत हो गई जब हम लोग अस्पताल पहुचे तो अस्पताल के द्वारा हमें शव देकर कहा गया की आप शव लेकर चले जाओ,  जिस पर हमको संदेह हुआ, वही मौत की खबर मिलते ही  भीड़ जमा होने लगी और अस्पताल प्रबंधन द्वारा सामने आकर बात नहीं करने से नाराज परिजनों ने नाराजगी दिखाते हुए अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ कर दी !

इस पूरी घटना में अस्पताल प्रबंधन की ओर से डॉ प्रतिक कौसिक ने मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए बताया की मरीज की हालत पहले दिन से ख़राब थी, इलाज के दौरान उसकी स्थिति में थोड़ी स्थिरता आई लेकिन वो कभी भी अच्छी स्थिति में नहीं आया, और उसकी मौत हो गई ! वही इस पुरे मामले में परिजनों की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि गब्बर की मौत के बाद उसका शव परिजनों को सौपने की कोशिश की गई, जिसका खंडन करते हुए डॉ प्रतिक कौशिक ने बताया की परिजनों को शव नहीं सौपने पर परिजनों के जबरदस्ती गुंडागर्दी कर शव साथ ले जाने को लेकर हंगामा किया, लेकिन थोड़ी देर बाद अपनी बातों को बदलते हुए डॉ प्रतिक कौशिक ये कहने लगे की मौत के बाद शव को वार्ड से मर्चुरी में शिफ्टिंग के दौरान परिजनों को ग़लतफ़हमी हो गई थी, जिसको लेकर परिजनों को लगा की अस्पताल प्रबंधन उनको शव देने का प्रयास कर रहा है !

लेकिन वही जब अस्पताल प्रबंधन से इस मामले में बात की गई, कि मृतक के भाई के कहे अनुसार मृतक से उसके भाई ने शाम 6 बजे मुलाकात की थी और उसके कानों के पास जाकर बात की थी वह भी बिना किसी सेफ्टी किट के और परिजन के भाई ने यह भी बताया कि कोरोना वार्ड में नर्स भी बिना दस्ताने के मरीजों की देखभाल कर रही है ! तब डॉ प्रतिक कौसिक ने ये कहते नजर आये की हम किसी से भी निवेदन कर सकते है और कोई दादागिरी से कोरोना वार्ड में घुसकर अपने परिजन से मिलगा तो हम कुछ नहीं कर सकते, बल्कि उन्होंने ऐसा भी कहा की मै कई बार मार खा चूका हु इसलिए मै किसी को नहीं रोक सकता ! डॉ साहब के जवाब से यह तो साबित हो ही जाता है कि कोरोना की गाइड लाइन की हाईटेक अस्पताल में जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है ! क्योकि ये गंभीर आरोप के साथ साथ गंभीर विषय भी है इसलिए मृतक के भाई की बात को मद्देनजर रखते हुए शासन प्रशासन को सीसीटीवी फुटेज जरुर चेक करना चाहिए और अगर मृतक के भाई की बात सही निकलती है तो ये मान लेना चाहिए की हाईटेक हॉस्पिटल कोरोना विस्फोट केंद्र है, क्योकि परिजन कोरोना मरीज से मिलने के बाद आम जनता के बीच खुल्लेआम घूम रहा है ! जिसके लिए जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ अस्पताल प्रबंधन है !

वही दूसरी तरफ बात तोड़फोड़ की है तो तोड़फोड़ नहीं होना चाहिए और जो तोड़फोड़ हुई है उसके खिलाफ पुलिस प्रशासन को सख्त कार्यवाही करना चाहिए, लेकिन महामारी एक्ट के तहत कार्यवाही मृतक के परिजनों की बजाय अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ किया जाना चाहिए !

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