बगासपुर में बनेगा म्यूज़ियम, संरक्षित होंगी माता गिरिजा के यादों से जुड़ी वस्तुएँ
बगासपुर में बनेगा म्यूज़ियम, संरक्षित होंगी माता गिरिजा के यादों से जुड़ी वस्तुएँ
स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती
पण्डित देव दत्त दुबे
शङ्कराचार्य जी के परम् कृपापात्र
सहसपुर लोहारा-कवर्धा सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़- ग्राम बगासपुर–मध्यप्रदेश में आयोजित माता गिरिजा देवी महामहोत्सव कार्यक्रम के आयोजक ,द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज श्री के शिष्य प्रतिनिधि, दण्डी स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी ने आज 07 दिसंबर को माता गिरिजा महामहोत्सव कार्यक्रम के छठवें दिन अपने उद्गार प्रकट करते हुए कहा कि, बगासपुर कोई सामान्य गाँव
नही अपितु यह माता गिरिजा का पावन तपःस्थल है। और पूज्यपाद ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज श्री ने इसे तीर्थ की संज्ञा दी है।
माता गिरिजा महामहोत्सव के आयोजक और देवमुरलीधर ट्रस्ट, बगासपुर के अध्यक्ष स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती जी ने कहा है कि यहाँ पर एक म्यूजियम भी
बनाया जाएगा जिसमें ‘माता गिरिजा देवी’ के जीवन और संस्मरणों से जुड़ी वस्तुओं को संगृहीत किया जाएगा। जिसमें आने वाली पीढ़ियों के अध्येताओं को इस सन्दर्भ में सहायता और जानकारी मिल सके।
पूज्या माता गिरिजा के सुपौत्र आचार्य सनत्कुमार उपाध्याय ने अपने यहाँ जतन से संगृहीत उस चक्की और पेटी को इस संग्रहालय के लिए समर्पित कर दिया जो माता गिरिजा एवं उनके पति पं. धनपत उपाध्याय जी के द्वारा प्रयुक्त होती रही थी।
श्रीकृष्ण की बाललीला सबको सुख देने के लिए शङ्कराचार्य स्वरूपानन्द
माता गिरिजा देवी महामहोत्सव कार्यक्रम में आज 07 दिसंबर को छठवें दिन की भागवत कथा के क्रम में, ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु
शङ्कराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानन्द सरस्वती जी ने बताया कि ,श्रीकृष्ण जगद्गुरु हैं- कृष्णं वन्दे जगद्गुरूम् । वे योगीश्वर हैं। गीता के उद्गायक हैं। पर यह सब होने से पूर्व वे जन-जन के मन-मानस के आह्लादक हैं। उनकी बाल लीलाएँ जहाँ ऐश्वर्य से सम्पन्न हैं, वही माधुर्य से ओतप्रोत भी हैं। उन्होंने बाल्यकाल से ही बता दिया कि उनके जीवन का उद्देश्य सबको सुखी कर देना है। आज प्रवचन में भगवान् श्रीकृष्ण की मधुर लीलाओं के अपनी मधुर शैली में सुनाते हुए व्यक्त किए।
स्वामी स्वरूपानन्द जी ने भगवान् श्रीकृष्ण की माखन चोरी लीला का इतना मधुर चित्रण किया कि उपस्थित विशाल जनसमूह सम्मोहित से होकर सुनता रहा।
माता गिरिजा देवी महामहोत्सव के आयोजक दण्डी स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी ने बताया कि रोज हजारों की संख्या में उमड़ रहा जन समूह, मेले का भी है आयोजन, शंकर नेत्रालय की ओर से शिविर भी लगाया गया है, वृन्दावन से आयी हुई रास लीला देखते ही बनता है । बनारस से आये हुये विद्वत ब्राम्हणों द्वारा नित्य संध्या के समय माँ नमर्दा आरती का मनोरम दृश्य मन मोह लेता है । देश देशांतर से पहुँच रहे हैं गुरु भक्त और धर्म प्रेमी । सभी के आवास और भोजन की है समुचित व्यवस्था ।
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