खबर का हुआ असर, जमानत पर रिहा हुए पालिका अध्यक्ष तरुण हथेल
खबर का हुआ असर, जमानत पर रिहा हुए पालिका अध्यक्ष तरुण हथेल
देवेन्द्र गोरले सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़- डोंगरगढ़- ज्ञात हो कि नगर पालिका अध्यक्ष तरुण हथेल को राजनीतिक षड्यंत्र के तहत जमीन मामले में फंसाकर उन पर डोंगरगढ़ पुलिस थाने में धारा 365, 420, 467, 468, 471, 120 -बी और 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया जिसके बाद से नगर पालिका अध्यक्ष तरुण हथेल नगर छोड़कर जाना पड़ा था और अग्रिम जमानत के लिए प्रयास में लगे हुए थे किन्तु पुलिस के द्वारा बुना गया धाराओं के जाल में फंसने के कारण उन्हें अग्रिम जमानत नहीं मिल पा रही थी। मामले की जांच पड़ताल करने के बाद एक समाचार पत्र ने गंभीरता से समाचार प्रकाशित किया जिसमें नगर पालिका अध्यक्ष तरुण हथेल पर लगाये गए आरोप एवं धाराओं का तथ्यात्मक खंडन किया और उसके बाद पालिका अध्यक्ष के वकील ने भी दलील पेश कर उन्हें अग्रिम जमानत दिलाई। वहीं राज्य के लिए उपस्थित वकील ने जमानत आवेदन का विरोध किया।
*हाईकोर्ट के फैसले के कुछ अंश*- अभियोजन पक्ष द्वारा एकत्र किए गए सबूत और विशेष रूप से इस तथ्य पर विचार करते हुए कि कथित पावर ऑफ अटॉर्नी को वर्ष 2011 में निष्पादित किया गया था और उसी के पास है वर्ष 2019 में प्रवीण कोचे द्वारा उपयोग किया गया है, इसलिए मामले के अन्य गुणों पर टिप्पणी किए बिना मैं वर्तमान आवेदकों को अग्रिम जमानत का लाभ देने के लिए इच्छुक हूं। इस आधार पर जमानत आवेदन की अनुमति है।
साथ ही यह भी निर्देशित किया गया है कि उपरोक्त अपराध के संबंध में आवेदकों की गिरफ्तारी नहीं करनी है यदि कोर्ट से गिरफ्तारी की स्थिति में एक व्यक्तिगत बांड प्रस्तुत कर 20 हजार रुपये का मुचलका भरवाना है और चालान पेश करने के पूर्व आवेदकों को सूचित कर न्यायालय में 20 हजार रुपये का चालान और परचा पट्टा के साथ अग्रिम जमानत पर रिहा करना है। इस आदेश का पालन विवेचक सहित थाना प्रभारी को भी करना है।
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