छत्तीसगढ़

नगरीय निकाय चुनाव में भाजपाई पार्षदों ने लगाया भेदभाव का आरोप

नगरीय निकाय चुनाव में भाजपाई पार्षदों ने लगाया भेदभाव का आरोप

देवेन्द्र गोरले सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़ -डोंगरगढ़ नगरीय निकाय चुनाव में इस बार नया नियम लागू करने से प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब तक के चुनाव में चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशियों के अस्थायी जाति प्रमाण पत्र मान्य कर लिया जाता था लेकिन इस बार स्थायी जाति प्रमाण पत्र आवश्यक करने से ना सिर्फ भाजपा बल्कि कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवारों को भी चुनाव लड़ने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ सीटिंग पार्षदों को तो जाति प्रमाण पत्र के चलते अपनी टिकिट तक गंवाने की नौबत आ गई वहीं कुछ पार्षद चुनाव लड़ने से वंचित हो गए हैं।

 

राजनांदगांव में मान्य तो डोंगरगढ़ में क्यों नहीं- डोंगरगढ़ के कुछ भाजपा पार्षदो ने बताया कि राजनांदगांव में अस्थायी जाति प्रमाण पत्र को मान्य किया जा रहा है लेकिन डोंगरगढ़ में स्थायी जाति की ही मांग की जा रही हैं जिससे कई जीतने वाले पार्षद भी चुनाव लड़ने से वंचित हो रहे हैं। क्या राजनांदगांव जिला छत्तीसगढ़ राज्य में आता है और उसी राजनांदगांव जिले की

 

डोंगरगढ़ तहसील छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर की तहसील है जहाँ पर छत्तीसगढ़ शासन का नियम लागू नहीं हो रहा है। बीजेपी के पार्षदों ने डोंगरगढ़ के साथ जानबूझकर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि डोंगरगढ़ नगर पालिका चुनाव को प्रभावित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। शीघ्र ही इसे बंद कर अस्थायी जाति प्रमाण पत्र को मान्य करना चाहिए जिससे सभी प्रत्याशी चुनाव लड़ सके और जनता के हिसाब से उम्मीदवार चुनकर नगर पालिका पहुंचे।

 

 

 

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