CM Mohan Yadav Announcement: शिक्षा को बढ़ावा देने प्रदेश में की जाएगी डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना, CM मोहन यादव ने किया बड़ा ऐलान
भोपाल। CM Mohan Yadav Announcement : आज पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा हुआ है। वहीं प्रदेश की राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान में 78वें स्वतंत्रता दिवस का मुख्य समारोह मनाया जा रहा है। यहां मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ध्वजारोहण कर ओपन जीप में परेड की सलामी ली। कार्यक्रम में पुलिस और होमगार्ड जवानों को सम्मानित किया और संबोधन शुरू किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, प्रदेश में डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।
CM Mohan Yadav Announcement: बता दें कि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के बाद प्रदेश में उच्च शिक्षा में वर्चुअल माध्यम के प्रभावी उपयोग और अकादमिक गुणवत्ता पर फोकस किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश में स्किल और डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। डिजिटल व स्किल विश्वविद्यालय खोलने के लिए कांसेप्ट नोट बनाया जा रहा है। इसके साथ ही महाविद्यालयों के लिए 2 हजार से अधिक नवीन पद सृजित किए गए हैं।
ये रही सीएम यादव की मुख्य घोषणाएँ
मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में 8 हजार चयनित प्रशिक्षणार्थियों को 6 करोड़ 60 लाख रुपये का स्टाइपेंड प्रदान किया है।
नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए हमने 6 प्रमुख विश्वविद्यालयों में इन्क्यूबेशन केंद्र स्थापित किए हैं।
प्रदेश में 22 नई आईटीआई की स्थापना की गयी है, जिनसे 5 हजार 280 सीटों की वृद्धि होगी।
देवास, छिंदवाड़ा और धार में ग्रीन स्किलिंग आईटीआई स्थापित किए गए हैं।
पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के सदस्य मध्यप्रदेश के युवा खिलाड़ी विवेक सागर को प्रदेश का गौरव बढ़ाने पर 1 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।
पेरिस ओलंपिक में प्रदेश के पाँच खिलाडियों की भागीदारी से प्रदेश गौरवान्वित हुआ है।
प्रदेश को स्पोर्टस हब बनाने और खेलों के माध्यम से पर्यटन विकास के प्रयास शुरू किए गए हैं।
श्रमिक परिवारों को 670 करोड़ रुपये से अधिक की अनुग्रह सहायता राशि का अंतरण किया गया है।
स्वामित्व योजना के माध्यम से 23 लाख 50 हजार लोगों को स्वामित्व अधिकार पत्र वितरित किए जा चुके है।
प्रदेश में 1 करोड़ 67 लाख से अधिक पंजीकृत असंगठित श्रमिकों को मुख्यमंत्री जन-कल्याण संबल योजना का लाभ मिल रहा है, जिसके लिए इस वर्ष 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मजदूरों की दिव्यांगता ओर मृत्यु के आधार पर मिलने वाली सहायता राशि को बढाकर 4 लाख रुपये कर दिया गया है।
इसके साथ ही, प्रदेश सरकार अब श्रमिकों को ई-स्कूटर खरीदने के लिए 40 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी देने जा रही है।
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में प्रदेश के 7 लाख 50 हजार हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदेश में लगभग 7 लाख मकानों का निर्माण कर लिया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश को बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट अवॉर्ड की श्रेणी में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
शहरी क्षेत्र में 9 लाख 51 हजार आवा्स स्वीकृत हुए हैं, इनमें से 7 लाख 91 हजार आवास का कार्य पूरा किया जा चुका है।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में वर्ष 2025 तक प्रदेश के ग्रामों को कचरे और कीचड़ से मुक्ति दिलवाकर उन्हें मॉडल श्रेणी का ओडीएफ प्लस ग्राम बनाने का लक्ष्य है।
सिंगरौली जिले में संचालित कोदो-कुटकी प्र-संस्करण इकाई से 20 हजार समूह सदस्य लाभान्वित होंगे।
जनजातीय वर्ग के समग्र विकास और कल्याण के लिए इस वित्त वर्ष में 40 हजार 804 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है, जो पिछले बजट की तुलना में 23.4% अधिक है।
तेंदूपत्ता संग्राहकों का मानदेय 3 हजार रुपये प्रति बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रुपये कर दिया गया है।
विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल जिलों में 7 हजार 300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से अधोसंरचना के कार्य किए जा रहे है।
विशेष पिछडी जनजातियों की बहनों के खातों में जनवरी से लेकर अब तक 148 करोड रुपये से अधिक की आहार अनुदान राशि अंतरित की गई है।
हर बहन को यह अवसर मिलेगा कि वह अपने सपनों को साकार कर सके और आत्म-निर्भरता की दिशा में आगे बढ़ सके।
“लाड़ली बहना योजना” का उद्देश्य हर बहन को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है।
1 करोड़ 29 लाख बहनों के खातों में विगत आठ महीनों में 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि अंतरित की जा चुकी है।
बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ अभियान को और मजबूत बना रहे हैं और महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को सख्ती से लागू कर रहे हैं।
हर महीने 117 लाख पात्र परिवारों को नि:शुल्क अनाज प्रदाय किया जा रहा है।
प्रदेश की 45 लाख 89 हजार बहनों के खातों में 450 रुपये में गैस ‘सिलेंडर की रीफिलिंग के लिए 118 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की गई है।
प्रदेश प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में देश में प्रथम है।
इस योजना में 2017 से 2024 तक 41 लाख 70 हजार बहनों को 1 हजार 150 करोड़ रुपये की राशि दी गई है।
मध्यप्रदेश में 194 नए आगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ किए गए हैं।
इस साल 23 हजार करोड़ रुपये का फसल ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना के तहत अब तक 80 लाख से अधिक किसान भाइयों के खातों में 1 हजार 643 करोड़ रुपये का अंतरण किया है।
इस वित्त वर्ष में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के लिए 66 हजार 605 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।
खरीफ-23 के अंतर्गत 25 लाख से ज्यादा किसानों को 750 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के दावों का भुगतान किया गया है।
रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना लागू की है।
योजना में किसानों को प्रति क्विंटल एक हजार रुपये की विशेष प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
पशुपालन और डेयरी विकास विभाग का नाम बदलकर पशुपालन, गौ पालन, और डेयरी विभाग किया गया।
गौ शालाओं में पशु आधार योजना पर इस साल 250 करोड़ खर्च होंगे।
जबलपुर – भोपाल एलिवेटेड कोरिडोर का निर्माण होगा।
खनिज से जुड़े पट्टेदारों और नागरिकों की समस्या के लिए ऑनलाइन निराकरण के लिए नया पोर्टल शुरू होगा।
मध्य प्रदेश में दिल्ली की तरह कार्गो हब की सुविधा विकसित की जाएग।
पीएम मोदी के जन्मदिन के अवसर पर मध्य प्रदेश में जन आरोग्य केंद्र की शुरुआत की जाएगी।
मध्यप्रदेश में स्त्री-पुरुष अनुपात में सुधार हुआ है।
यह अनुपात प्रति एक हजार पुरुषों पर 927 महिलाओं से बढ़कर 956 हो चुका है।
प्रदेश में 453 बाल विकास परियोजनाओं के अंतर्गत 84 हजार 659 आँगनवाड़ी केन्द्र और 12 हजार 670 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं।
वर्ष 2024 में प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा-अभियान के अंतर्गत मध्यप्रदेश में 194 नए आँगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ किए गए हैं।
किसान कल्याण मिशन के तहत कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।
जो किसान भाइयों और बहनों के जीवन को बेहतर बनाएंगे और प्रदेश की उपज को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बनाएंगे।
हमारा प्रदेश कृषि प्रधान है और अन्नदाताओं की मेहनत और परिश्रम से ही हमारा समाज फल-फूल रहा है।
किसानों की उपज की गुणवत्ता को सुधारने के लिए आधुनिक तकनीकी साधनों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
कृषि को लाभदायी व्यवसाय बनाने और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।
शून्य प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण प्रदाय करने की योजना को निरंतर रखा जाएगा।
इस साल 23 हजार करोड़ रुपये का फसल ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है।