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सरकार की लाख कोशिश के बावजूद मस्तूरी क्षेत्र के कर्ई स्कूलों में शौचालय नहीं

सबका संदेस न्यूज छत्तीसगढ़ मस्तूरी- सरकार की लाख कोशिश के बावजूद मस्तूरी क्षेत्र के कर्ई स्कूलों में शौचालय नहीं है। इसी प्रकार की स्थिति ग्राम रैलहा के आश्रित ग्राम भड़हा के स्कूल की है। शौचालय के नहीं रहने से बच्चे खुले में शौच जाने को विवश हो रहे हैं।

ब्लाक के स्कूल में विद्यार्थी आज भी शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हो रहे हैं। पालकों का कहना है जहां खुले में शौच से होने वाली बीमारियों और इसके दुष्परिणाम की जानकारी दी जाती है उसी संस्था में शौचालय नहीं हैं। ऐसे में स्वच्छता अभियान की बात उचित नहीं है। विद्यालयों में स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय बनाने के नाम पर सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च की गई। बावजूद अब तक कई ग्रामों में भी शौचालय नहीं बने हैं। इसकी जानकारी अधिकारियों को है परंतु इसे लेकर गंभीर नहीं है। मस्तूरी क्षेत्र के भड़हा प्राथमिक शाला में पढ़ने वाले छात्रों ने बताया कि शौचालय नहीं होने से छात्रों को शौचालय जाने में बहुत ही परेशानी हो रही है। मजबूरी में आसपास के खेत में जाते हैं। स्कूल में पदस्थ शिक्षक का कहना है कि स्कूल में बधाों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाते हैं और ऐसे ही स्कूल में शौचालय नहीं है। कई बार अधिकारियों को भी अवगत करा चुके हैं लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं देते हैं। यह मामले अभी यहीं खत्म नहीं हुआ इस स्कूल मूलभूत सुविधा के साथ शिक्षकों का रोना है। एकल शिक्षक होने के कारण बधाों की पढ़ाई करने में दिक्कत होती है। एक शिक्षक के भरोसे पांच कक्षाएं है। वहीं एक शिक्षक को अटैच कर दिया गया है। इसकी जानकारी ब्लाक शिक्षा अधिकारी को है इसके बाद शिक्षक और बधाों की हालत को देखने कोई नहीं पहुंचे हैं। पांच कक्षा में 112 बधाों को दो कमरे में ठूंस ठूंस कर पढ़ाया जाता है। शौचालय के संबंध में शिक्षक ने सरपंच से कई बार शिकायत किया इसके बाद भी शौचालय बनवाने को तैयार नहीं है। वहीं स्कूल में पीने के पानी के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने से छात्र अपने घर से पानी लेकर आते हैं।

 

 

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