सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़- जांजगीर-. छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में एक महिला और उसके बेटे को दहेज प्रताड़ना के केस में 10 साल की सला हुई है। महिला की बहू ने आत्मदाह कर लिया था, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी, इससे पहले युवती ने सास और पति की ज्यादतियों का बयान एसडीएम को दिया था। दहेज हत्या के इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रेक कोर्ट) उदयलक्ष्मी सिंह परमार ने आरोपी पति प्रहलाद भारती, सास सुमारिन बाई को बुधवार को सजा सुनाई।
ससुर का जुर्म साबित नहीं कर पाई पुलिस
- अतिरिक्त लोक अभियोजक बालकृष्ण मिश्रा के अनुसार कुरमा थाना बलौदा निवासी प्रहलाद भारती की शादी पूजा उर्फ मोना गोस्वामी से 22 अप्रैल 2014 को सामाजिक रीति रिवाज से हुई थी। विवाह के बाद मोना को दहेज में बाइक नहीं मिलने पर उसका पति प्रहलाद भारती, सास सुमारिन बाई और ससुर खोलू भारती प्रताड़ित करने लगे थे। इससे तंग आकर मोना ने साल 2015 में मार्च के महीने में खुद पर मिट्टी तेल डालकर आग लगा ली थी। इससे वह गंभीर रूप से झुलस गई थी। उसका इलाज बिलासपुर में कराया गया। उस दौरान उसका बयान एसडीएम बिलासपुर ने लिया था।
- बयान में उसने दहेज के लिए प्रताड़ित करने पर आत्महत्या करने की जानकारी दी। 30 जून को उसकी मौत बिलासपुर में हो गई। पुलिस ने सास, ससुर और महिला के पति तीनों आरोपियों के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज करके कोर्ट में चार्जशीट सौंपी। अंतिम सुनवाई के बाद जज उदयलक्ष्मी सिंह परमार ने पति प्रहलाद भारती और सास सुमारिन बाई को दस- दस साल की सजा सुनाई है। पुलिस आरोपी ससुर के खिलाफ अपराध साबित नहीं कर सकी इसलिए उसे दोषमुक्त कर दिया गया।
विज्ञापन समाचार हेतु सपर्क करे-
9425569117/7580804100