#SarkarOnIBC24: हादसों पर उठे सवाल, सियासी बवाल! पहली बारिश ने बढ़ाई सियासी तपिश
नई दिल्ली: NEET धांधली को लेकर मोदी सरकार अभी संभली भी नहीं थी कि दिल्ली एयरपोर्ट पर आज बड़ा हादसा हो गया। एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 की छत गिर गई। जिसमें एक शख्स की मौत हो गई। हादसे के बाद सरकार हरकत में तो आई। फिर मध्यप्रदेश के जबलपुर एयरपोर्ट में भी हादसा हो गया। एक के बाद एक हुए इन हादसों ने मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है और विपक्ष को हमला करने का मौका भी मिल गया।
भीषण गर्मी से बेहाल दिल्ली वाले बड़े शिद्दत से मानसून का इंतजार कर रहे थे और जब उनका इंतजार खत्म हुआ, तो पहली बारिश में ही दिल्ली दरिया बन गया। सड़कों पर पानी भर गया, कॉलोनियां टाबू में तब्दिल हो गई। वैसे दिल्ली की जनता हर मानसून ऐसे ही खुद को लाचार पाती है, लेकिन इस बार पहली बारिश ने सियासी तपिश भी बढ़ा दी है। उसकी वजह एयरपोर्ट की ये तस्वीरें हैं।
दरअसल बारिश की वजह से नई दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल की छत गिर गई। छत का पिलर नीचे खड़ी गाड़ी पर गिरा जिससे एक कैब ड्राइवर की मौत हो गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद आनन-फानन में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू पहुंचे और आश्वस्त किया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी।
इधऱ मृतकों के परिवार और घायलों को मुआवजा देने का ऐलान भी किया गया। हादसे के बाद टर्मिनल-1 को बंद कर दिया गया। लेकिन सियासत चालू हो गई है। कांग्रेस-बीजेपी एक दूसरे को कठघरे में खड़ा कर रही है। किसने क्या दावा किया कि दिल्ली और जबलपुर की इन दो घटनाओं ने विपक्ष को मोदी सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया।
‘मार्च में प्रधानमंत्री जी ने दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल-1 का उद्घाटन किया था। उसकी छत ढह गई जिसमें एक कैब ड्राइवर की दुखद मृत्यु हो गई। तीन महीने पहले प्रधानमंत्री जी ने जिस जबलपुर एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था, उसकी भी छत ढह गई। अयोध्या में निर्माण कार्यों के खस्ताहाल पर पूरा देश दुखी है। यह भाजपा का “चंदा लो और धंधा दो” का भ्रष्टाचारी मॉडल है जिससे अब पर्दा उठ चुका है। सवाल यह है कि प्रधान उद्घाटन मंत्री जी क्या इन घटिया निर्माण कार्यों और इस भ्रष्टाचारी मॉडल की जिम्मेदारी लेंगे?’
जिसपर नागरिक उड्डयन मंत्री ने पलटवार किया कि एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 का जिस छत का हिस्सा गिरा, उसका निर्माण 2009 में यूपीए सरकार में हुआ था।NEET को लेकर पहले से ही मोदी सरकार पर हमलावर विपक्ष को एयरपोर्ट हादसे ने बैठे बिठाए नया मुद्दा दे दिया, तो ताबडतोड़ हमले शुरू हो गए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हादसे के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, ‘भ्रष्टाचार और आपराधिक लापरवाही मोदी सरकार के पिछले 10 साल में घटिया इंफ्रास्ट्रक्चर के ताश के पत्तों की तरह ढहने के लिए जिम्मेदार है। कांग्रेस की युवा इकाई के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने एक्स पर टर्मिनल 1 का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि देश में सिर्फ पेपर लीक नहीं हो रहे हैं, बल्कि पूरा देश लीक हो रहा है। जाहिर है। एक के बाद एक हुए इन हादसों ने मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है और विपक्ष को हमला करने का मौका भी जिसपर बीजेपी सफाई दे रही है।
कुल मिलाकर ये कहना गलत नहीं होगा कि मोदी 3.0 की बोहनी कुछ खास अच्छी नहीं है। एक के बाद एक ऐसे वाकया पेश आ रहे हैं कि विपक्ष को बोलने का मौका मिल गया है। नीट के सदमे से सरकार अभी उबरी नहीं थी कि दिल्ली और जबलपुर एयरपोर्ट्स के निर्माण गुणवत्ता कटघरे में आ गई है, इसे मोदी सरकार की नाकामी के रूप में पोट्रे करने में विपक्ष कोई कसर बाकी नहीं रख रहा है।