#SarkarOnIBC24: खरगे का वार..जनादेश पर सवाल, मल्लिकार्जुन ने केंद्र सरकार की स्थिरता पर खड़ा किया सवाल
नई दिल्ली: Mallikarjun Kharge मोदी सरकार को कामकाज संभाले अभी सप्ताह भर भी नहीं हुआ है। वहीं कांग्रेस हमलावर हो गई है। कांग्रेस सरकार की स्थिरता पर सवाल खड़े कर रही है और मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल के फैसलों पर निशाना साध रही हैं। मल्लिकार्जुन खरगे और सचिन पायलट मोदी सरकार पर हमलावर हैं। दूसरी ओर बीजेपी की अगुवाई में NDA नेताओं ने भी जवाबी मोर्चा संभाल लिया है।
Mallikarjun Kharge 9 जून को नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि इस बार मोदी सरकार गठबंधन के दम पर बनी है। देश में करीब 10 साल बाद केंद्र में गठबंधन सरकार बनने के साथ सियासत का मिजाज भी बदल गया है। एक मोदी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता गठबंधन सहयोगियों को एकजुट रखना हो गया है। वहीं विपक्ष मौके की ताक में हैं। कांग्रेस समेत विपक्ष में बैठे तमाम राजनीतिक दल केंद्र सरकार की स्थिरता को लेकर बयान देकर माहौल बनाने में लगे हैं। ताजा बयान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दिया है। खरगे ने बेंगलुरु में केंद्र सरकार की स्थिरता पर सवाल खड़े करते हुए कह दिया कि NDA सरकार गलती से बनी है जो कभी भी गिर सकती है।
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मल्लिकार्जुन खरगे ही नहीं बल्कि कांग्रेस नेता सचिन पालयट भी चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी पर हमलावार बने हुए है। सचिन पायलट को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने भारत के लोकसभा चुनाव के अनुभवों पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया था जहां उन्होंने मोदी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। सचिन पायलट ने कहा
(बीजेपी के 400 पार के नारे में अहंकार साफ झलक रहा था। पिछले 10 साल में सरकार ने एकतरफा फैसले लिए बिना तैयारी के नोटबंदी की यूपीए सरकार पर घोटाले के कई आरोप लगाए लेकिन सजा किसी को नहीं दिला पाए। काला धन वापस लाने के वादे का क्या हुआ। बीजेपी ने राम मंदिर के नाम पर वोट लेने का प्रयास किया। लेकिन अयोध्या में ही चुनाव हार गई। सोशल मीडिया से लेकर हर जगह राहुल गांधी की छवि खराब करने का भरपूर प्रयास हुआ। भारत में बेरोजगारी बड़ी समस्या है। लेकिन सरकार इसका डेटा छिपा रही है। विपक्ष को डराने-धमकाने में जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया)
पीएम मोदी को बीते दो कार्यकाल में लोकसभा में स्पष्ट बहुमत हासिल था। जिसके चलते सरकार की स्थिरता को लेकर कोई सवाल कोई विवाद नहीं था। जोड़-तोड़ की राजनीति की भी गुंजाइश नहीं थी। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं गठबंधन की राजनीति और गठबंधन धर्म के चलते मौजूदा सरकार को हर कदम फूंक-फूंककर रखना है और विपक्ष की फूट डालने की हर चाल को नाकाम करने के लिए चौकन्ना भी रहना है।