कर्ज माफी को लेकर विपक्ष ने किया हंगामा, भाजपा के 12 सदस्य निलंबित
सबका संदेस न्यूज छत्तीसगढ़ रायपुर- रायपुर, आठ जनवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने किसानों के कर्ज माफी को लेकर जमकर हंगामा मचाया। वहीं दोनों पक्षों में हुई तीखी नोकझोंक और नारेबाजी के कारण भाजपा के 12 सदस्य निलंबित भी हुए। विधानसभा में आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में तृतीय अनुपूरक बजट पर हुई चर्चा का जवाब दिया। जवाब के दौरान बघेल ने कहा कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में हमने वादा किया था कि 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्जा माफ किया जाएगा। जो वादा हमने किया था उसे 10 दिनों के भीतर पूरा भी किया गया। भूपेश बघेल ने कहा कि जन घोषणा पत्र के सभी वादों को सरकार क्रमशः पूरा कर रही है। तृतीय अनुपूरक बजट इस दिशा में उनकी सरकार का पहला कदम है। किसानों के 6100 करोड़ रूपए की कर्ज माफी और उनसे 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने के वादे को पूरा करने के लिए भी तृतीय अनुपूरक में आवश्यक राशि का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने विपक्ष से कहा कि कांग्रेस की सरकार को बने अभी मुश्किल से 20 दिन हुए है और आप हमसे सवाल करने लगे हैं। पिछले 15 वर्षों के दौरान राज्य में लोकतंत्र का कैसे गला घोटा गया है हमने देखा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जो भी वादा किया है। उसे पूरा किया जाएगा। देश में यह पहली सरकार है जहां 25 सौ रूपए में धान की खरीद हो रही है। जब मुख्यमंत्री सदन में चर्चा का जवाब दे रहे थे तब विपक्ष के सदस्यों ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किसानों का पूरा कर्ज माफ करने की बात कही थी। लेकिन केवल अल्पकालीन कृषि ऋण को माफ किया जा रहा है। सरकार को राज्य के सभी किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ करना चाहिए। इसके बाद विपक्ष के सदस्य सदन में नारेबाजी करने लगे और बाद में उन्होंने सदन से बहिर्गमन कर दिया। इधर विपक्ष की अनुपस्थिति में सदन ने 10 हजार 395 करोड़ रूपए का तृतीय अनुपूरक बजट ध्वनि मत से पारित कर दिया। बाद में जब विपक्षी दल भाजपा के सदस्य सदन में आए तब सदन में शोर शराबा हुआ जिसके बाद पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सदन में प्रवेश के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने टिप्पणी की है। विपक्ष का अपमान किया गया है। सत्ता पक्ष को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। इसके बाद विपक्ष के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और गर्भगृह में चले गए। तब अध्यक्ष चरणदास महंत ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक समेत 12 सदस्यों के स्वमेव निलंबित होने की सूचना दी। जब सदस्य नारेबाजी करते हुए वहीं धरने पर बैठ गए तब अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही जब फिर से शुरू हुई तब संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने सत्ता पक्ष की ओर से तथा भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने खेद व्यक्त किया। अग्रवाल खेद व्यक्त करने के दौरान भावुक भी हुए और कहा कि पिछले 29 वर्ष में विधायक रहने के दौरान ऐसी स्थिति का सामना उन्होंने पहली बार किया है।
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