छत्तीसगढ़
दीवाली में फाटकों से होने वाली हानिया।

दीवाली में फाटकों से होने वाली हानिया।
सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़- हर साल दीपावली पर करोड़ों रुपयों के पटाखों का उपयोग होता है। यह सिलसिला कई दिन तक चलता है। कुछ लोग इसे फिजूलखर्ची मानते हैं तो कुछ उसे परम्परा से जोड़कर देखते हैं। पटाखों से बसाहटों, व्यावसायिक, औद्योगिक और ग्रामीण इलाकों की हवा में तांबा, कैलशियम, गंधक, एल्युमीनियम और बेरियम प्रदूषण फैलाते हैं।
पटाखों में मौजूद पोटैशियम क्लोरेट तेज रोशनी पैदा करते हैं जिसकी वजह से हवा जहरीली हो जाती है और फेफड़ों से जुड़ी परेशानी घेर लेती है।
आंखों की समस्या
दिवाली प्रकाश और खुशियों का पर्व है। ऐसे में सुनिश्चित करना चाहिए कि इस दिन की सार्थकता बनी रही है।
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