ब्रेक पैडल के नीचे बोतल फंसी, 100 की रफ्तार से जा रही एंबुलेंस ट्रक से भिड़ी, दो की मौत
सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़- अंधेरे में खड़ा ट्रक नजर आया तो ड्राइवर ने एंबुलेंस को रोकने की काेशिश की पर ऐन वक्त पर ब्रेक के नीचे पानी की बाेतल फंस जाने से वह 100 की रफ्तार से ट्रक से टकरा गई। हादसे में ड्राइवर सहित दो की मौत हो गई। घटना सीपत के पास सोमवार की देर रात को हुई। मरने वालों में एक एंबुलेंस का ड्राइवर और दूसरा निजी अस्पताल का स्टाॅफ है। दोनों कोरबा से आए थे और मरीज को सिम्स छोड़कर लौट रहे थे।
कोरबा बुधवारी बाजार निवासी विश्वनाथ पटेल पिता उमेंद लाल पटेल 31वर्ष न्यू अस्पताल कोरबा में एंबुलेंस चालक था। सोमवार की रात को एंबुलेंस से गंभीर मरीज को लेकर कोरबा से बिलासपुर आया था। सिम्स में छोड़ने के बाद अस्पताल स्टाफ बलौदा बाजार बेलटिकरी निवासी मनोज यादव पिता छोटेलाल यादव 38वर्ष के साथ रात को वापस लौट रहा था। एंबुलेंस की रफ्तार काफी तेज थी। गाड़ी सीपत से आगे हिंडाडीह में सड़क किनारे अंधेरे में खड़े ट्रक से टकरा गई। हादसा इतना जबरदस्त था कि एंबुलेंस के परखच्चे उड़ गए और चालक व अस्पताल स्टाफ की मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस पहुंची और दोनों के शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीपत भेजा। गाड़ी के भीतर मोबाइल से मरने वालों की पहचान हुई और पुलिस ने उनके परिजनों को सूचना दी।
सीपत के पास हुआ हादसा, मरीज को सिम्स छोड़कर कोरबा लौट रही थी गाड़ी
हादसा क्यांे हुआ यह पिक्चर साफ बता रही है। दुर्घटना के बाद भी बोतल ब्रेक पैडल पर फंसी रही। पास में ही शराब की खाली बोतल भी नजर आ रही है। यानि ड्राइवर नशे में गाड़ी चला रहा था।
टक्कर भयानक, एंबुलेंस के परखच्चे उड़ गए
एंबुलेंस की रफ्तार तेज थी। हादसे के बाद उसकी हालत देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। गाड़ी परखच्चे उड़ गए। चालक का शव अंदर केबिन में फंस गया।
23 किमी में 17 अंधे मोड़, 14 ब्लैक स्पॉट, सड़के घुमावदार
बिलासपुर-सीपत रोड की दूरी 23 किलोमीटर है। इस मार्ग पर 17 अंधे मोड़ व 14 ब्लैक स्पॉट हैं। इतनी खतरनाक सड़कें हिल स्टेशन में होती हैं। सड़क का निर्माण रोड कांग्रेस के अनुसार नहीं हुआ है। यह काफी ऊंची नीची,संकरी व घुमावदार हैं। आए दिन हो रहे हादसों का कारण जानने दैनिक भास्कर ने उस क्षेत्र का दौरा किया था। हरेक किलोमीटर की खामियां व विशेषताओं का पता करने दूरी नापी। 7 ऐसी जगह हैं जहां पर सड़कें तो 90 अंश तक मुड़ी हुई हैं। यहां आने वाली गाड़ियां नजर नहीं आतीं और इस स्थानों पर आए दिन दुर्घटनाएं घट रही हैं।
रात को ट्रक की बैक लाइट नहीं जल रही थी
जिस ट्रक से एंबुलेंस टकराई वह दो दिनों से बिगड़ी हालत में सड़क किनारे खड़ा है। एक दिन पहले भी उससे एक गाड़ी वाला टकराकर घायल हो चुका है। बैक लाइट नहीं जलाई गई थी। हादसा होने के बाद भी पुलिस ने किसी तरह के उपाय नहीं किए थे।
1.चारपहिया में बोतल या कोई भी सामान सीट या डेस बोर्ड पर न रखें। यह लुढ़ककर ब्रेक पैडल के नीचे आ सकता हैं। इससे ब्रेक नहीं लगेगी और सवार लोगों की जान का खतरा होगा। सड़क पर चलने वाले लोग हादसे का शिकार हो सकते हैं।
चौबीस घंटे के भीतर ट्रक से दूसरी गाड़ी टकराई
ट्रक चार दिन से वहां खड़ी है। रविवार की रात एक बजे एक ट्रेलर भी ट्रक से ठीक उसी तरह टकराया था। सुबह ट्रेलर को उसके मालिक लेकर गए और रात को फिर वहां हादसा हो गया। ट्रक को यदि सीपत पुलिस समय रहते हटवा लेती तो यह हादसा नहीं होता।
सीट या डेस बोर्ड पर ना रखें सामान
2.चारपहिया गाड़ी में पानी की बोतल रखने के लिए ड्राइविंग सीट के ठीक बगल में या सीट के पीछे जगह बनी होती है। निर्धारित स्थान पर ही इन्हें रखें। छोटी सी गलती जानलेवा साबित हो सकती है।
विज्ञापन समाचार हेतु सपर्क करे-
9425569117/7580804100