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मैत्रीबाग में वन्यजीवों को गर्मी से बचाने हेतु विशेष इंतजाम

मैत्रीबाग में वन्यजीवों को गर्मी से बचाने हेतु विशेष इंतजाम

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित मैत्री बाग चिडिय़ाघर में मौजूद वन्यजीवों को तपती गर्मी से बचाने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं जिसके तहत, बंदरों और पक्षियों के लिए स्प्रिंकलर लगाए गए हैं, तथा सांभर, हिरण के इन्क्लोजरों मे फव्वारों की व्यवस्था की गयी है जिससे उस क्षेत्र मे तापमान कम होने से इन्हें गर्मी से बचाया जा सके। बाघों के लिए कृत्रिम वाटरफॉल तैयार किये गए हैं। सांभर हेतु मडबाथ का इंतज़ाम किया गया है। हिरणों, सांभर एवं ब्लैक बक, बाघों एवं सिंह के इन्क्लोजऱों में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि मोट में हमेशा  पानी भरा रहे। इसके अतिरिक्त स्पॉटेड डियर एवं सांभर को गर्मी से बचाव हेतु शेड के ऊपर स्प्रिंकलर द्वारा पानी का छिडकाव किया जा रहा है । सभी इन्क्लोजरों के द्वार पर टाईफा चटाई लगायी गयी है जिससे पानी का छिडकाव कर पिंजरों को ठंडा रखा जाता है । इसके अतिरिक्त, जानवरों के पिंजरों के धूप से बचाव हेतु चारों तरफ हरे नेट भी लगाये गए हैं। मैत्रीबाग चिडिय़ाघर में वर्तमान में करीब 340 वन्य प्राणियों को रखा गया है।

इन वन्य प्राणियों को गर्मी से बचाने के लिए मैत्रीबाग प्रबंधन द्वारा प्रत्येक वर्ष विशेष प्रबंध किये जाते हैं। उपमहाप्रबंधक उद्यानिकी एवं मैत्रीबाग प्रभारी डॉ नवीन कुमार जैन ने बताया कि हीट वेव से चिडिय़ाघर के वन्यप्राणियों की रक्षा हेतु वातावरण को ठंडा रखा जाता है, जिसके लिये कृत्रिम झरने, तथा स्प्रिंकलर आदि विभन्न माध्यमों से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। खुले में रहने वाले जानवरों पर पानी की बौछार की जाती है। साथ ही, जानवरों के खाने-पीने में भी मौसम के अनुरूप बदलाव किये गए हैं जिससे उनके शरीर में ठंडक बनी रहे और इनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर न पड़े। बंदरों और अन्य जानवरों के भोजन में तरबूज, ककड़ी एवं खरबूजा जैसे फलों को शामिल किया गया है। देश के चिडियाघरों में मैत्री बाग के सफेद बाघ सदा से चर्चे में रहे हैं। मैत्री बाग प्रबंधन ने सेंट्रल जू ऑथोरिटी के नियमानुसार, देश के 5 से भी अधिक चिडिय़ाघरों के साथ बाघों का आदान-प्रदान किया है। जिसमे मुकुंदपुर, लखनऊ, नागपुर, राजकोट और बोकारो आदि चिडिय़ाघर शामिल हैं। भिलाई मैत्री बाग सफेद बाघों की बड़ी संख्या के साथ भारत के शीर्ष चिडियाघरों में से एक है।

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