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#SarkarOnIBC24: चुनाव आयोग को ‘सुप्रीम’ राहत, SC ने मतदान के बीच आयोग को निर्देश देने से किया इनकार

नई दिल्ली: Lok Sabha Election 2024 भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है भारत की चुनाव प्रक्रिया को दुनिया भर में सम्मान की नजरों से देखा जाता है। स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए आयोग ने कई कदम उठाए हैं। ताकि सुधार की प्रक्रिया जारी रहे। लेकिन इस लोकसभा चुनाव में बूथवार वोटिंग डेटा जारी करने में देरी को लेकर आयोग सवालों के घेरे में है। विपक्षी पार्टियां पहले की तरह 48 घंटे के अंदर बूथवार वोटिंग डेटा जारी करने की मांग कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट में भी ये मामला विचाराधीन हैं।

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Lok Sabha Election 2024 भारत की चुनाव प्रक्रिया जितनी विशाल और जटिल है। उससे जुड़े विवाद और सवाल भी कम नहीं हैं। कभी EVM पर सवाल उठाए जाते हैं तो आज बूथवार वोटिंग डेटा में देरी और ब़ड़े अंतर को लेकर आयोग को नई चुनौती से जूझना पड़ रहा है। विवाद इतना गहरा गया कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुच गया है। आयोग से मांग की जा रही है कि वो मतदान के तुरंत बाद हर बूथ पर पड़े वोटों का आंकड़ा जारी करे और अपनी वेबसाइट पर फॉर्म 17सी की प्रतियां अपलोड करे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इससे इंकार कर दिया है।

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लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों के मतदान के आंकड़े वोटिंग के 11 और 14 दिनों के बाद प्रकाशित किए गए थे और इनमें बड़ा अंतर था। विपक्षी दलों का आरोप है कि मतदान के दिन प्रतिशत कुछ बताया जाता है और एक हफ्ते बाद वोटिंग प्रतिशत बदल जाता है। इसी को लेकर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने अपनी याचिका में चुनाव में हर चरण की वोटिंग पूरी होने के 48 घंटे में अंदर बूथवार मतदान का डाटा वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश देने की मांग की थी।

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भारत की चुनाव प्रक्रिया एक सतत विकास की प्रक्रिया है। इसमें साल दर साल चुनाव दर चुनाव बदलाव और सुधार होते आए हैं। ताकि इसकी निष्पक्षता पर सवाल ना उठे। इसके विशाल स्वरूप और जटिलता को देखते हुए चुनाव आयोग के पक्ष को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। जहां तक वोटिंग के डेटा का सवाल है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के बाद इस मामले की नियमित सुनवाई की बात कही है। उम्मीद है कोर्ट के जरिए ही इस विवाद का कोई तर्कसंगत हल निकाल लिया जाएगा।

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