The Big Picture With RKM : 5 चरणों के चुनाव के बाद अब जीत के दावों की सियासत, क्या ‘M’ फैक्टर से 400 का आंकड़ा पार करेगी बीजेपी?
रायपुरः Politics of Victory Claims in India देश में पांच चरणों के चुनाव के बाद देश में जीत के दावों की सियासत शुरू हो गई है। भाजपा और कांग्रेस के नेता अब जीत पर खुलकर आंकड़े देना शुरू कर दिए हैं। एक ओर जहां भाजपा और उनके सहयोगी दल यानी एनडीए 400 पार निकलने का दावा कर रही है। वहीं दूसरी ओर इंडिया गठबंधन 300 पार जाने का दम भर रही है। जीत के दावों के पीछे का सियासी गणित क्या है? आखिर किस आधार पर पार्टी इतनी सीटें जीतने का दावा कर रही है? समझते हैं…
Politics of Victory Claims in India पांच चरणों के चुनाव, दावों और वादों के बाद अब नेता सीटों पर गुणा-गणित लगाने में जुट गए हैं। सभी पार्टियों के नेता इस बात का कयास लगा रहे हैं कि उनकी पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी। इसके साथ ही उनके विपक्षी दलों के खाते में कितनी सीटें आएंगी। इंडिया गठबंधन के नेता बीजेपी को 140 से 240 सीटें दे रहे हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि अभी तक पांच चरणों में 428 सीटों पर चुनाव हुए हैं, उनमें से वे 310 सीटें जीत चुके हैं। हालांकि बीजेपी ने शुरुआत में ही 400 पार जाने का दावा किया था। इसके बाद विपक्ष इस बात पर उलझ गया था कि हम बीजेपी को 400 सीटें नहीं जीतने देंगे। हालांकि बाद में ये संभला। अमित शाह के बयान के बाद अब सवाल यह उठता है कि केंद्रीय मंत्री 310 सीटें जीतने को लेकर आखिर इतने आश्वस्त क्यों हैं? इसके पीछे मुझे लगता है कि इसके पीछे एम (M) फैक्टर काम कर रहा है। ये एम फैक्टर मंगलसूत्र, मछली, मटन, मुसलमान, मां सोनिया, मां गंगा या फिर खुद पीएम मोदी नहीं है, बल्कि ये एम फैक्टर महिला है। 310 सीटें जीतने के दावों के पीछे एम फैक्टर मातृशक्ति है। भारतीय जनता पार्टी को लगता है कि उनके लिए महिलाओं ने वोट किया है। पिछले पांच चरणों के चुनाव में सभी वर्ग की महिलाएं उन्हें वोट करने के लिए घर से निकली हैं। चाहे वह किसी भी वर्ग का हो या फिर किसी भी धर्म का, सभी वर्ग की महिलाओं ने उन्हें वोट किया है।
अगर हम पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों को देखें तो महिलाओं का वोट बीजेपी की तरफ एकमुश्त जा रहा है। इस बात से उत्साहित होकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक नारी शक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया। उन्हें लगता है कि अगर महिलाएं हमें वोट दे रही हैं, तो आने वाले चरणों के लिए महिला वोटों को और मजबूत किया जाना चाहिए। इस नारी शक्ति सम्मेलन में पीएम मोदी ने तीन बातें कही। सबसे पहली बात उन्होंने यह कही कि मोदी और योगी के राज में महिलाएं सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं। अगर महिलाओं की तरफ कोई आंख उठाता है, तो योगी उसका क्या करते हैं, यह सबको पता है। उन्होंने योगी के लॉ एंड ऑर्डर की तारीफ की और समर्थन भी किया। हमें भी कई ग्राउंड रिपोर्टों में यह देखने को मिलती है कि योगी के राज में महिलाएं अपने आप को ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रही हैं। पीएम मोदी ने आज की सभा में चीज को भी भूनाया। दूसरी बड़ी बात उन्होंने यह कहीं कि मेरी सरकार की योजनाएं सबसे ज्यादा महिलाओं पर केंद्रित है। हमारी योजनाओं से महिलाओं का जीवन आसान हो रहा है। उन्होंने उज्ज्वला योजना, नल-जल योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इन योजनाओं से महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की ओर से गर्भवती महिलाओं को भी ₹6000 दिए जा रहे हैं। इससे उनका जीवन स्तर सुधरा है। तीसरी बड़ी बात उन्होंने विपक्षी दलों पर प्रहार करते हुए कही कि विपक्षी दलों के नेता महिलाओं का सम्मान नहीं करते हैं। केवल बीजेपी ही महिलाओं का सम्मान करती है। इस दौरान उन्होंने मुलायम सिंह यादव का उदाहरण भी दिया। जिसमें मुलायम सिंह ने रेप के आरोपी के संबंध में कहा था कि लड़कों से गलती हो जाती है। कुल मिलाकर आज के सम्मेलन को लेकर यह कहें कि पीएम मोदी ने आने वाले दो चरणों के लिए अपने एम(M) यानी महिला फैक्टर को एक बार फिर मजबूत कर लिया है।
महिला वोटों पर विपक्षी दलों की भी नजर
वही दूसरी ओर विपक्षी दलों को देखें तो वे लोग भी महिलाओं के लिए काम कर रहे हैं। कांग्रेस का वादा है कि अगर वे सत्ता में आते हैं तो नारी न्याय योजना के तहत महिलाओं को हर साल 1,00,000 रुपए दिए जाएंगे। इसका बहुत अच्छा असर भी हुआ है। कई निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फॉर्म भी भरवाएं हैं। कुल मिलाकर यह कहे कि एम यानी महिला फैक्टर इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। अब महिलाएं किसके दावों और वादों को सुनती है और किस तरफ ज्यादा झुकती है, यह तो हमें 4 जून को ही पता चलेगा।