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Korba Lok sabha election: कोरबा लोकसभा में सरोज पाण्डेय और ज्योत्सना महंत के बीच मुकाबला, देखें यहां के लोकल मुद्दे और राजनीतिक समीकरण

Korba Lok Sabha election 2024:  कोरबा। छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव का तीसरे चरण के सात सीटों पर मतदान 7 मई को होना है। लोकसभा सीट रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर चांपा और सरगुजा में आज रविवार की शाम पांच बजे से चुनावी शोरगुल थम गया है। प्रचार थमने से प्रत्याशी डोर टू डोर जनसंपर्क कर सकते हैं।

छत्तीसगढ़ की सात सीटों पर कुल 168 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इनमें पुरुष उम्मीदवारों की संख्या 142 और महिला प्रत्याशियों की संख्या 26 हैं। सातों लोकसभा सीटों की तुलना में रायपुर लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा 38 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं बिलासपुर में भी 37 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।

कोरबा लोकसभा —

Korba Lok Sabha election 2024:  कोरबा लोकसभा में 7 मई को छत्तीसगढ़ के आखिरी चरण में मतदान होना है। इस समय कोरबा लोकसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस जमकर प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं। बीजेपी ने पूर्व राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने ज्योत्सना महंत को दुबारा टिकट दिया है। कोरबा सीट से इस बार कुल 27 उम्मीदवार मैदान में हैं। यहां पर इस बार कुल 2013 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।

कोरबा लोकसभा के वोटर्स?

कोरबा लोकसभा सीट पर करीब 13,40,544 लाख वोटर्स हैं। इनमें से 6,74,000 लाख पुरुष मतदाता हैं, जबकि 6,66,504 महिला वोटर्स हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में 11,37,003 मतदाताओं ने मतदान किया था। मतलब यहां 83 फीसदी मतदान हुआ था।

कोरबा सीट की 55 फीसदी आबादी आदिवासियों की है। कोरबा लोकसभा के अंतर्गत 4 जिलों के 8 विधानसभा आते हैं। इसमें भरतपुर सोनहत, मनेन्द्रगढ़, बैकुंठपुर, रामपुर, कोरबा, कटघोरा, पाली तानाखार समेत मरवाही विधानसभा आती है। 3 आम चुनावों में 2 बार कांग्रेस और 1 बार भाजपा ने जीत दर्ज की है। कोरबा लोकसभा सीट में कंवर व गोंड समाज निर्णायक भूमिका में होते हैं। जिस भी पार्टी को इनका समर्थन मिलेगा वो जीत हासिल करेगी। ऐसा माना जा रहा है।

स्थानीय मुद्दे —

– औद्योगिक क्षेत्र होने के बाद भी यहां के रहवासी अब भी विकास की राह जोह रहे हैं।
– एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान होने के बाद भी खदान के लिए जमीन देने वाले रोजगार और पुनर्वास के लिए लगातार आंदोलित रहते हैं।
– यहां के बिजली कारखाने पूरे राज्य को रोशन करते हैं लेकिन पॉवर कट सबसे अधिक इसी लोकसभा क्षेत्र में देखने को मिलता है। कई गांव में अब भी बिजली नहीं पहुंची है। जहां है भी वहां कभी कभी ही जलती है।
– यहां राज्य का सबसे ऊंचा मिनी माता बांगो बांध है लेकिन पानी दूसरे जिले के किसानों को मिलता है। यही वजह है यहां का सिंचित रकबा केवल 15 फीसदी है। मानसून यहां की खेती का प्रमुख साधन है।
– हसदेव अरण्य के पूरे इलाके को समेटे ये कोरबा लोकसभा हांथी मानव द्वंद से भी विचलित है। हर साल कई इंसानी जिंदगी जंगली जानवरों के कारण मौत में समा जाती हैं।
– राज्य का सबसे बड़ा डीएमएफ फंड होने के बाद भी यहां विकास वैसा नहीं दिखता जैसा होना चाहिए।
– स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद भी अब अभी राजधानी की निर्भरता खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।
– देश का दूसरा एल्युमिनियम प्लांट होने के बाद भी स्थानीय युवा रोजगार नहीं मिलने से परेशान हैं।
– इस सीट में खराब सड़कें, बढ़ता प्रदूषण, बेरोजगारी की वजह से पलायन, रेल सुविधाओं की कमी जैसे मुद्दे हावी हैं।

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