प्रमोशन के लिए अधिकतम आयु सीमा के नियम को हाईकोर्ट ने असंवैधानिक माना
बिलासपुर सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़- हाईकोर्ट ने सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी के पद पर पदोन्नति के लिए आयु सीमा 40 वर्ष निर्धारित किए जाने के नियम को असंवैधानिक घोषित किया। छत्तीसगढ़ लोक अभियोजन राजपत्रित भर्ती व पदोन्नति नियम 2008 को असंवैधानिक करार करते हुए कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वालों को अपने कनिष्ठ सहायक ग्रेड 3 की पदोन्नति तारीख से पदोन्नति देने के निर्देश दिए हैं। अनिल गोस्वामी, आरती मिश्रा, नटराज पांडेय व चंद्रकांत गोस्वामी ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से याचिका पेश किया है।
इसमें बताया कि राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ लोक अभियोजन राजपत्रित भर्ती व पदोन्नति नियम 2008 निर्मित किया गया है। इसके तहत सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी के पद पर 90 प्रतिशत सीधी भर्ती से और 10 प्रतिशत सहायक ग्रेड 3 जो विधि स्नातक है और 7 वर्ष का अनुभव रखते हैं व जिनकी उम्र 40 वर्ष से कम है को पदोन्नति से भरी जाएगी। इस नियम के आधार पर याचिकाकर्ताओं के कनिष्ठ सहायक ग्रेड 3 का प्रमोशन सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी के पद पर किया गया और याचिकाकर्ताओं जो वरिष्ठ थे उन्हें 40 वर्ष से अधिक उम्र होने के कारण पदोन्नति से वंचित कर दिया गया। इस नियम में 40 वर्ष के बंधन को चुनौती दी गई। बताया कि पदोन्नति में अधिकतम आयु 40 वर्ष निर्धारित करने का कोई औचित्य नहीं है सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी के कार्य के लिए कोई शारीरिक दक्षता की आवश्यकता नहीं होती वरिष्ठ होने के बाद अनुभव अधिक होने से उक्त पद के लिए योग्यता बढ़ जाती है। उसके ऊपर के पद जिला लोक अभियोजन अधिकारी के लिए कोई उम्र निर्धारित नहीं है।
इस प्रकार उक्त नियम संविधान के अनुच्छेद 14 व16 भारतीय संविधान के विपरीत है। वर्तमान नियम से अनुभवी वरिष्ठ को अनदेखा कर कम अनुभव वाले कनिष्ठ का चयन किया जा रहा है इसके अतिरिक्त सहायक ग्रेड 3 की सीधी भर्ती के लिए अधिकतम आयु 38 वर्ष विभिन्न छूटों को मिलाकर 45 वर्ष है तो प्रमोशन के लिए 40 वर्ष कैसे निर्धारित किया जाता है। यह प्रमोशन के अधिकार का उल्लंघन है। शासन ने उक्त बातों पर विरोध करते हुए कहा कि यह प्रमोशन मात्र 10 प्रतिशत पदों के लिए है। सहायक ग्रेड 3 का पृथक से पदोन्नति का चयन सहायक ग्रेड 2 व सहायक ग्रेड 1 के पद पर है। सभी पक्षों को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश पीआर रामचंद्र मेनन व न्यायमूर्ति पीपी साहू के खंडपीठ ने आदेश पारित किया। इसमें सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी के पद पर पदोन्नति के लिए अधिकतम 40 वर्ष निर्धारित करने का कोई उद्देश्य शासन साबित नहीं कर पाई। नियम वरिष्ठता व अनुभव को अनदेखा करने वाला है। नियम विभेदकारी हैं और असंवैधानिक हैं।
शासन को पदोन्नति में उम्र करने का पूरा अधिकार है लेकिन इसके लिए कोई उद्देश्य और आवश्यकता होनी चाहिए यहां पर ऐसा कोई उद्देश्य परिलक्षित नहीं होता है जिसे 40 वर्ष का निर्धारित उचित प्रतीत हो। कोर्ट ने 40 वर्ष के उम्र बंधन करने वाले नियम को संविधान के अनुच्छेद 14 व 16 के विपरीत मानते हुए असंवैधानिक घोषित किया। साथ ही निर्देशित किया कि याचिकाकर्ताओं को सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी के पद पर पदोन्नति देते हुए उनके कनिष्ठ सहायक ग्रेड 3 के समकक्ष वरिष्ठता दी जाए।
विज्ञापन समाचार हेतु सपर्क करे-
9425569117/7580804100