SarkarOnIBC24: 24 की दौड़..कांग्रेस छोड़ने की होड़, गंभीर आरोप लगाकर तेजतर्रार प्रवक्ता ने छोड़ा कांग्रेस, दिखिए खास रिपोर्ट
नई दिल्ली: Lok sabha chunav 2024 कांग्रेस नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। ये अब कोई नई बात नहीं रह गई। खबर तब बनती है। जब बरसों पुराने कांग्रेसी पार्टी छोड़ते हैं। राहुल गांधी के बेहद करीबी विजेंद्र सिंह, संजय निरुपम और पार्टी के तेजतर्रार प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कई गंभीर आरोप लगाकर कांग्रेस छोड़ दी। उनके पार्टी छोड़ने से पार्टी कितनी कमजोर होगी।’
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Lok sabha chunav 2024 कांग्रेस के मौजूदा हालात पर जौन एलिया का ये शेर कितना मौजू है। चंद दिनों के बाद देश में आम चुनाव के लिए वोटिंग होनी है और स्थिति ये है कि एक बाद एक कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़ रहे हैं और ये वो नेता हैं जिन्होंने विषम परिस्थिति में भी कांग्रेस पार्टी का झंडा थामे रखा था। मीडिया डिबेट्स, रैली, पदयात्रा में पसीना बहाकर कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करते थे, लेकिन अब वो कांग्रेस पार्टी की दिशाहीनता, सनातन विरोधी रवैये और खुद की उपेक्षा हवाला देकर पार्टी छोड़ रहे हैं और न सिर्फ पार्टी से नाता तोड़ रहे हैं बल्कि बीजेपी में शामिल हो रहे हैं।
24 घंटे के अंदर बॉक्सर विजेंद्र सिंह, महाराष्ट्र में पुराने कांग्रेसी संजय निरुपम और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लव ने पार्टी छोड़ दी है। ये तीनों वो नेता हैं जिन्हें राहुल गांधी का करीबी माना जाता था। हरियाणा के भिवानी में रहने वाले बॉक्सर विजेंदर सिंह जाट समुदाय से आते हैं। ऐसे में वे लोकसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी, राजस्थान और हरियाणा की सीटों पर असर डाल सकते हैं। विजेंदर 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। पार्टी ने उन्हें साउथ दिल्ली से लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वे हार गए थे। इस कांग्रेस उन्हें मथुरा से टिकट देने की तैयारी में थी लेकिन वो बीजेपी में आ गए।
इधर महाराष्ट्र कांग्रेस के बड़े नेता संजय निरुपम मुंबई नॉर्थ-वेस्ट सीट से टिकट न मिलने से नाराज थे। पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने के चलते कांग्रेस ने इन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। जिसके बाद संजय निरूपम भड़क गए। कहा कि कांग्रेस में पांच अलग-अलग पावर सेंटर हैं। सोनिया, राहुल, बहनजी, नए अध्यक्ष खड़गे और वेणुगोपाल। कांग्रेस में वैचारिक द्वंद्व चल रहा है, इससे कार्यकर्ताओं में निराशा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी संभाल चुके गौरव वल्लभ ने भी पार्टी छोड़ दी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे लेटर में गौरव वल्लभ ने कहा कि वे न तो सनातन विरोधी नारे लगा सकते हैं और न ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकते हैं। इसी वजह से पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं।
न कार्यकर्ता का सम्मान और न ही संवाद, पार्टी में नए आइडिया की कद्र नहीं होती, राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होना, सनातन का अपमान, कांग्रेस एक प्राइवेट लिनिटेड कंपनी बन गई है। जिसमें कुछ लोगों की ही चलती है। यही वो आरोप हैं जिनका हवाला देकर पार्टी के नेता कांग्रेस छोड़ रहे हैं। सवाल ये है कि अगर कोई 1 या 2 नेता ये आरोप लगाए तो लगे कि पॉलिटिकल बयान है लेकिन पार्टी छोड़ने वाला हर नेता अगर यही आरोप लगाए तो उनके दावों में कुछ सच्चाई होगी इससे इनकार नहीं किया जा सकता।