Sakshamta Pariksha : अगर हो गए इस परीक्षा में फेल तो नहीं बन पाएंगे सरकारी टीचर, मिलेगा पांच बार एग्जाम देने का मौका

पटनाः Contract Teacher Regularization Update बिहार हाईकोर्ट ने प्रदेश के पंचायत शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने योग्यता परीक्षा में असफल होने वाले शिक्षकों को सेवा से नहीं हटाने का निर्देश दिया है। कोर्ट के इस आदेश के बाद अब उनकी नौकरी जैसी चल रही है वैसे ही चलती रहेगी। खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि जो लोग योग्यता परीक्षा में क्वालिफाई होते हैं उनके लिए बेहतर सेवा शर्तें होंगी और जो क्वालिफाई नहीं कर पाएंगे और यहां तक कि परीक्षा देने से इनकार करते हैं, उन्हें भी सेवा में बहाल रखा जाएगा। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के। विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति हरीश कुमार की पीठ ने दो अप्रैल को याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया।
Contract Teacher Regularization Update बता दें कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया था। सरकार ने विशिष्ट शिक्षक नियम 2023 लाया था। इस अधिनियम के अनुसार प्रदेश के संविदा शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा पाने के लिए कंपलसरी प्रोफिशिएंसी टेस्ट पास करना होगा। बिहार में लगभग 3.5 लाख संविदा शिक्षक, जो पिछले कई साल से राज्य भर के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं, योग्यता परीक्षा पास करने के बाद सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त करेंगे। ऐसे में संविदा शिक्षकों को अब कंपलसरी प्रोफिशिएंसी टेस्ट पास करना होगा।
मिलेंगे पांच मौके
सरकारी कर्मचारी का दर्जा पाने के लिए हर टीचर प्रोफिशिएंसी टेस्ट पास करने के लिए कुल पांच मौके (तीन ऑनलाइन और दो ऑफलाइन) दिए जा रहे हैं। नियोजित शिक्षकों के बीच अटकलें और आशंकाएं थीं कि जो लोग योग्यता परीक्षा में पास नहीं होंगे या परीक्षा में शामिल नहीं होंगे, उन्हें सेवा से हटा दिया जाएगा।