#SarkarOnIBC24: अपनों का प्रहार-..कलह अपार, 24 के चुनावी रण में Congress के सामने दोहरी चुनौती, देखिए खास रिपोर्ट
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रायपुर: Lok Sabha Election 2024: 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार को भुलाकर 24 के दंगल में उतरी छत्तीसगढ़ कांग्रेस के दोहरी चुनौती है। पार्टी को चुनावी मैदान में बीजेपी से मुकाबला करने से पहले अपनों को समझाना है, उन्हें साधना है। कांग्रेस ने लंबे सोच-विचार के बाद 3 बार में 11 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए, फिऱ भी आधा दर्जन से ज्यादा प्रत्याशियों को अपने ही क्षेत्र में नेता-कार्यकर्ताओं का विरोध झेलना पड़ रहा है।
Lok Sabha Election 2024 छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से ये वो सीटें हैं..जहां चुनाव से पहले कांग्रेस प्रत्याशियों को अपने ही चुनौती दे रहे हैं। वजह अलग-अलग लेकिन मांग एक कि मौजूदा प्रत्याशी का टिकट बदला जाए। हालांकि पीसीसी चीफ दीपक बैज दो टूक कह चुके हैं कि जिसे टिकट मिला है, चुनाव वही लड़ेगा। यानी चुनावी जंग में उतरने से पहले कांग्रेस को पहले अपनों की बगावत से पार पाने की चुनौती है। इस लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम भी शामिल हैं।
सबसे पहला विरोध राजनांदगांव में भूपेश बघेल का हुआ। जिन्हें स्थानीय कांग्रेस पदाधिकारी ने खरी खोटी सुनाई। दूसरा विरोध पूर्व गृह मंत्री और महासमुंद से कांग्रेस के प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू का हुआ। जिसे कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पैराशूट कैंडिडेट बताते हुए विरोध किया। इसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा के खिलाफ ही विरोध का झंडा बुलंद है.झीरम घटना के प्रत्यक्षदर्शी कांग्रेस नेता शिवनारायण द्विवेदी ने लखमा को झीरम घटना में संदिग्ध और शराब घोटाले के आरोपी बताते हुए टिकट काटने की मांग की। वहीं बिलासपुर से कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव और सरगुजा से कांग्रेस की प्रत्याशी शशि सिंह को लेकर भी घर में विरोध के स्वर उठ रहे हैं
टिकट वितरण के बाद कांग्रेस में मचे घमासान पर सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है। बीजेपी तंज कस रही है कांग्रेस की टिकट पर कोई चुनाव नहीं लड़ना चाहता, और जो मजबूरी में लड़ रहे, उनका भी विरोध हो रहा। हालांकि कांग्रेस नेता विरोध पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र बता रहे हैं।