#SarkarOnIBC24 : लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में ‘भगदड़’, कई नेताओं ने थामा भाजपा का दामन, आखिर क्यों मची BJP में शामिल होने की लगी होड़?
भोपालः SarkarOnIBC24 चुनाव की घोषणा के साथ ही कांग्रेस में भगदड़ तेज हो गई है। ऐसा कोई दिन नहीं गुजर रहा जब कांग्रेस को छोड़कर नेता बीजेपी में शामिल ना हो रहे हो। गुरूवार को तो भाजपा जॉइन करने वालों में कांग्रेस के साथ-साथ कई बसपा और सपा नेता भी शामिल थे। सतना, रीवा और जबलपुर के कई नेता बीजेपी में शामिल हुए हैं। इनमें कांग्रेस के पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह और पूर्व सांसद देवराज सिंह का नाम भी शामिल है। बीजेपी इससे उत्साहित है और उसने होली के बाद ज्वाइनिंग अभियान शुरू करने का भी ऐलान कर दिया है।
SarkarOnIBC24 लोकसभा चुनाव की आहट के बीच मध्यप्रदेश के कई कांग्रेस नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है। चुनाव से पहले जब पार्टी नेताओं को एकजुट होकर जीत की रणनीति बनानी चाहिए तब नेता अपने सियासी भविष्य़ को लेकर आशंकित हैं। कांग्रेस में उन्हें अपना उज्ज्वल भविष्य नजर नहीं आ रहा है। नेता पार्टी छोड़ने को बेताब हैं। राजधानी भोपाल में इंदौर, सतना, रीवा और जबलपुर के कई कांग्रेस, सपा और बसपा नेता बीजेपी में शामिल हो गए। इनमें बड़ा नाम विंध्य से कांग्रेस के पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह का है.. इसके साथ ही रीवा से पूर्व सांसद देवराज सिंह, पूर्व IPS अधिकारी रामलाल और राजेश पटेरिया भी शामिल है। कमलनाथ के करीबी दीपक सक्सेना के बेटे अजय सक्सेना भी अपने सैकड़ो समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। सीएम मोहन यादव और वीडी शर्मा ने सभी को बीजेपी की सदस्यता दिलाई है।
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कांग्रेस में किस कदर भगदड़ मची है। उसे इन आंकड़ों के जरिए भी समझा जा सकता है। बीते 75 दिनों में 16 हजार नेता कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए हैं। रोज करीब 250 कार्यकर्ता बीजेपी का दामन थाम रहे हैं। सबसे ज्यादा दलबदल छिंदवाड़ा से होने का बीजेपी का दावा है। दूसरी ओर कांग्रेस के सामने कार्यकर्ताओं का संकट पैदा हो गया है।
सदस्यता अभियान चलाएगी बीजेपी
बीजेपी अपना जॉइनिंग अभियान होली के बाद बूथ स्तर पर शुरू करेगी। इसके जरिए पार्टी से रिकॉर्ड संख्या में कार्यकर्ताओं को जोड़ा जाएगा। बीजेपी इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराएगी। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस अभियान को मोदी की सुनामी कहा है। दूसरी ओर कांग्रेस को बीजेपी के इस अभियान से कोई फर्क नहीं पढ़ रहा। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी झूठ फैलाने में माहिर है और रिकार्ड का दावा भी बीजेपी का झूठ ही है।
बड़े मार्जिन से जीत दर्ज करना चाहती है पार्टियां
चुनाव में हर पार्टी बड़े मार्जिन से जीत दर्ज करना चाहती है। बीजेपी जीत को लेकर आश्वस्त है। यही वजह है कि उसका जोर अपनी जीत को पिछली बार से बड़ा करने का है। तभी तो पीएम मोदी ने 370 सीटें जीतने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। दूसरी ओर बात अगर कांग्रेस में पलायन की करें तो दलबदल भारतीय लोकतंत्र की एक ऐसी बीमारी है, जिसे संसद के कानून के जरिए भी रोका नहीं जा सका है। नेताओं की आस्था चुनाव से पहले और चुनाव के बाद कब बदल जाए कहना मुश्किल है। हालांकि देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस में जिस तेजी से पलायन हो रहा है। वो भारतीय लोकतंत्र के लिए भी अच्छा संकेत नहीं है, क्योकि लोकतंत्र में मजबूत विपक्ष की भी अहम भूमिका होती है।