ग्रामीणों को स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं साक्षरता का संदेश दे रहे है एनएसएस कैडेट

भोंगापाल एवं सीमावर्ती अन्य जिलों के गांव में छात्रो द्वारा किया जा रहा है श्रमदान, मिल रहा है अलग-अलग अनुभव
कोण्डागांव । अधिकतर एनएसएस के छात्र यह मानते है कि शिविर के जरिए उन्हें ग्रामीण जनजीवन को और अधिक निकट से देखने का अवसर मिला है। उन्होंने यह भी जाना कि भौतिक सुख सुविधाओं से दूर रह कर भी जीवन सुखद एवं सरल हो सकता है, हां कुछ मूलभूत जरुरी सुविधाऐं यहां उपलब्ध होनी चाहिए। इस संबंध में सभी स्वंय सेवक के अलग-अलग विचार थे।
इस क्रम में दिनांक 6 जनवरी को जिला कलेक्टर नीलकंठ टीकाम कांकेर एवं कोण्डागांव जिले के निकटतम सीमा से लगे गांव बण्डापाल पहुंचे जहां राष्ट्रीय सेवा योजना के कैडेट्स का श्रमदान कार्यक्रम आयोजित था। कलेक्टर से रुबरु होते हुए सभी छात्रों ने अपने-अपने अनुभवों को साझा किया। इनमें विकासखण्ड कोण्डागांव के ग्राम बड़ेकनेरा के 11वीं के छात्र राजेश पाण्डे, लखन कश्यप, ग्राम दहिकोंगा के गोपाल दीवान, मुकेश कश्यप, थानेश्वर नाग, ग्राम लंजोड़ा के धीरज बघेल एवं प्रवीण (सभी कक्षा 11वीं के छात्र) छात्रों द्वारा स्थानीय ग्राम देवी के मंदिर में साफ-सफाई का कार्य किया जा रहा था। इस दौरान छात्र राजेश पाण्डे ने बताया कि स्थानीय ग्रामवासी मिलन सार है, बस कुछ भाषा की दिक्कत होती है क्योंकि यहां गोण्डी भाषा का चलन ज्यादा है, फिर भी छत्तीसगढ़ी बोली को आम तौर पर सभी समझ जाते है। धीरज बघेल ने अपने दिनचर्या के विषय में बताया कि प्रतिदिन छह बजे से योगाभ्यास कार्यक्रम होता है, फिर स्वल्पाहार के पश्चात सभी छात्रों के दलो द्वारा अलग-अलग गांवो में श्रमदान एवं अन्य जागरुकता कार्यक्रम को संपादित किया जाता है। दोपहर 12 से एक बजे तक भोजन पश्चात बौद्धिक चर्चा सहित अन्य रचनात्मक कार्य जैसे- विभिन्न प्रकार की अनुपयोगी वस्तुओं से उपयोगी वस्तुओं के निर्माण की जानकारी दी जाती है, इस प्रकार उसे शिविर में बिल्कुल अलग अनुभव हो रहा है।
ग्राम बण्डापाल में ही सड़क मार्ग की सफाई कार्य में जुटे एक अन्य दलों का समूह के छात्र भूपेश साहू, पवित्रा नेताम, संदीपा नेताम, अनिता सोरी (ग्राम चिपावण्ड सभी कक्षा 11वीं के छात्राऐं) गांव की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि यहां पेयजल की समस्याऐं गंभीर है, ग्रामीण महिलाओं को पीने का पानी अत्यंत दूर से लाना पड़ता है क्योंकि बोरवेल पारा-मोहल्ला से बहुत दूर है, इसके अलावा शौचालय निर्माण में भी विसंगति दिख रही है क्योंकि कई शौचालय अधूरे एवं अनुपयोगी है साथ ही कुपोषण की समस्या यहां आमबात है। मौके पर जिला कलेक्टर ने सभी छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे शिविर की प्रत्येक गतिविधियों में बढ़चढ़क्र हिस्सा लेवे क्योंिक वे अपने साथ ऐसा अनुभव ले जायेंगे जो सदैव अविस्मरणीय रहेगा। इसके साथ ही कैडेट्स ग्रामीणों महिलाओं को उज्जवला गैस योजना के तहत गैस सिलेण्डर के सही और सुरक्षित उपयोग, बच्चों की सही देखभाल, पीने के पानी के साधन जैसे कुऐं, बोरवेल के आसपास साफ-सफाई के फायदे बताये। छात्राऐं ग्रामीण नव-युवतियों को व्यक्तिगत रहन-सहन, साज-सज्जा के बारे में भी सलाह दे सकती है, इससे उन्हें बेहतर उपयोगी जानकारी मिल सकेगी। इसके अलावा सभी स्वंय सेवक छात्र ग्रामीणों को लड़के-लड़कियों के विवाह की सही उम्र, आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को नियमित भेजने के विषय पर जानकारी दे सकते है। साथ ही ग्रामीणों को यह भी बताया जाना चाहिए कि जल-जंगल और जमीन का संरक्षण उनकी भावीपीढ़ी के लिए कितना उपयोगी है घ्
मौके पर ग्राम बण्डापाल के ग्रामीणों ने भी बण्डापाल को जिला नारायणपुर में शामिल करने की मांग रखी क्योंकि ग्राम बण्डापाल से मुख्यालय जिला कांकेर की दूरी 120 कि.मी. से अधिक पड़ती है जबकि बण्डापाल से जिला नारायणपुर मात्र 22 कि.मी. है। इस प्रकार ग्रामीणों को हर छोटे-बड़े शासकीय कार्य के लिए कांकेर जाना कठिनाई पूर्ण होता है। इसके साथ ही उक्त ग्राम में स्वास्थ्य केन्द्र एवं बालिका छात्रावास की भी आवश्यकता है। जिस पर कलेक्टर ने आवश्यक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। इस दौरान सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जी.एस.सोरी, सरपंच भोंगापाल रामसाय नाग सहित क्षेत्रवासी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
सबका संदेस ब्यूरो, कोंडागांव 9525598008