‘ग्वालियर सिंधिया का नहीं हमारा गढ़ हैं..कौन हैं सिंधिया’? टिकट मिलने से उत्साहित दलित कांग्रेस नेता का बड़ा दावा
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Phool Singh Baraiya on jyotiraditya scindia: ग्वालियर। भिंड से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित किए गए दलित नेता फूल सिंह बरैया ने कहा है कि चंबल सिंधिया का गढ़ नहीं है, ये हमारा गढ़ है, मैं जनता के बीच 365 दिन रहता हूं, मैं पीछे से चुनाव लड़ूंगा, लोग मेरे लिए आगे से लड़ेंगें।
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है, जिसमें 43 कैंडिडेट्स के नाम हैं। एमपी के कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची में 10 नाम शामिल किए गए हैं। कांग्रेस उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में एमपी से नकुलनाथ को छिंदवाड़ा, कमलेश्वर पटेल को मध्य प्रदेश के सीधी से टिकट दिया गया है। वहीं भिण्ड से फूल सिंह बरैया को टिकट दिया गया है। टिकट मिलने के बाद उत्साहित फूल सिंह बरैया ने एक बाद एक कई बड़े बयान दे डाले हैं।
एमपी में भिंड से बीजेपी की संध्या राय का मुकाबला फूल सिंह बरैया से होगा। कांग्रेस के बड़े दलित नेता फूलसिंह बरैया IBC24 से बोले कि कांग्रेस पार्टी ने मुझ पर भरोसा किया है, अब सीट जीतकर दूंगा। वहीं उन्होंने कहा कि मोदी के 400 पार की बात छोड़िए इस बार मोदी 200 पार कर लें तो बहुत बड़े नेता माने जाएंगे, ये मेरा कैलकुलेशन है। उन्होंने कहा कि मोदी कहीं नहीं लगते हैं।
Phool Singh Baraiya on jyotiraditya scindia: बरैया ने का कि चुनाव से पहले मुसलमान आ जाएं, दंगे हो जाएं तो बीजेपी इसे शुभ मानती है, लेकिन अब उनकी पोल खुल रही है। उन्होंने कि CAA लागू करने से उनको कुछ नहीं मिलने वाला है।
विवादित वीडियो पर बोलते हुए फूल सिंह बरैया ने कहा कि भाजपा मेरे कितने वीडियो लाएगी, मैं बहुत वोटों से आगे बढ़ता हूं। इस बार के चुनाव भी वीडियो वायरल कर दिए थे, फिर भी 30 हजार से जीता हूं। अब फिर करेगीं, तो जीतूंगा। वीडियो नहीं जारी किए, तो भारी मतों से जीतूंगा।
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Phool Singh Baraiya on jyotiraditya scindia
इतना ही नहीं बरैया ने कहा कि चंबल सिंधिया का गढ़ नहीं है, ये हमारा गढ़ है, मैं जनता के बीच 365 दिन रहता हूं,मैं पीछे से चुनाव लड़ूंगा, लोग मेरे लिए आगे से लड़ेंगें। बीजेपी के लोग कानून संविधान को नहीं मानते हैं। लॉ एण्ड ऑर्डर को नहीं मानते हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या बेरोजगारी के मुद्दे पर कभी मोदी ने कभी संसद बुलाई? क्या चंबल के पढ़े लिखे लोग डाकू बनेगें?