
रतनपुर से प्रमोद कश्यप की रिपोर्ट
रतनपुर, ऐतिहासिक नगरी रतनपुर का सबसे बड़ा मोहल्ला करैहापारा हमेशा से नगरपालिका की उपेक्षा का शिकार रहा है जबकि इस मोहल्ले में अनेकों तालाब है जिसमें मछली पालन से हर वर्ष नगरपालिका को लाखों की आमदनी होती है इस मोहल्ले में ऐतिहासिक कबीर आश्रम , रत्नेश्वर महादेव का ऐतिहासिक मंदिर है। नया बस स्टैंड, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पशु चिकित्सालय इस मोहल्ले के अंतर्गत ही स्थित है मगर सुविधा के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है। करैहापारा के नीचे के भाग को बेदपारा कहा जाता है, जहां ऐतिहासिक बेद एवं रत्नेश्वर तालाब है। कबीर आश्रम एवं रत्नेश्वर महादेव का मंदिर इसी तालाब के तट पर स्थित है। लगभग 8-9 हजार जनसंख्या वाले संपूर्ण करैहापारा के गंदे नाली का पानी बेद तालाब में जाकर मिलती है जिससे तालाब का पानी अत्यंत प्रदुषित हो गया है। यहां नाली को अलग से नाला में मिलाना है। बेदपारा से ऊपर भाग में चौड़ी नाली का निर्माण हो गया है,मगर नीचे सकरा एवं उथला नाली होने के वजह से आए दिन नाली जाम हो जाता है और गंदा पानी रोड में आ जाता है, जिससे यहां के रहवासियों को काफी परेशानी होती है। इस नाली को चौड़ा करने काफी दिनों से नगरपालिका ने ठेका दे रखा है मगर ठेकेदार काम नहीं कर रहा है इससे मोहल्ले वासियों की परेशानी बढ़ते ही जा रही है इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। इस मोहल्ले के पार्षद हकीम मोहम्मद एवं संतोष कुम्हार भी नगरपालिका के रवैये से परेशान हैं बहुत जल्द उन्होंने इस हेतु आंदोलन करने की बात कही है। देखना होगा कि मोहल्ले की समस्या का समाधान कब तक होता