छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

संतान प्राप्ति और वंश वृद्धि के लिए किया गया लक्ष्मी जप और हवन

कल धन, वंष वृद्धि समाजिक स्तर में उन्नति हेतु हवन

भिलाई। स्कंदाश्रम में चल रहे स्कंदशष्ठी  महोत्सव के तीसरे दिन की शुरूवात प्रात: 07 संतान प्रप्ति वंष वृद्धि एवं गर्भ दोश निवारर्णाथ संतान लक्ष्मी जप एवं हवन से हुई । 09 बजे पुवारागन जप एवं हवन सम्पन्न हुआ जो प्लाट फ्लैट नूतन गृह  फैक्टरी विस्तार एवं वृद्धि के लिए आयेजित था । 10 बजे स्थायी नौकरी और सरकारी विभाग में लाभ प्राप्त करने के लिए राजामातंगी जप एवं हवन हुआ । 11 बजे संतान लाभ एवं शत्रु पर विजय हेतु श्री अय्यपन जप एवं हवन हुआ ।

ं     दोपहर 12 बजे धर्म चिन्तन्न स्त्री शाप एवं कर्मफल दोश निवरर्णाथ गीता आराधना एवं हवन सम्पन्न हुआ दोपहर 01 बजे दीप आराधना के पष्चात सभी भक्तजनों ने सामुहिक प्रसाद ग्रहण किया ।

इस चार दिवसीय महायज्ञ महोत्सव का आयोजन आर्चाय मणीस्वामी के मार्ग दर्शन में दक्षिण भारत से आये प्रमुख आर्चाय ब्रम्हश्री एन गणषक्ति गणपतिगल के साथ आये सर्वब्रम्ह  डी सुब्रमण्या गणपतिगल, एस एन प्रदीप कष्यप भट्ट, बी षन्मुग भट्ट, डी योगरामा षास्त्रीगल, एस नारायण षास्त्रीगल, आर राजेष भट्ट, एन राधुनाथ षास्त्रीगल, रामास्वामी षास्त्रीगल, अरूणाचल गणपतिगल, आनंद गणपतिगल, के श्रीधर गणपतिगल, के सुब्रमण्या षास्त्रीगल, तन्जय नारायण षास्त्रीगल, प्रषांत षास्त्रीगल ने सभी हवनों को सम्पन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।

संाध्यकालीन समारोह में शाम 06:30 बजे श्री दत्तात्रेय जप एवं हवन हुआ जो दारिद्रय विनाष मंद गृह दोश निवार्णाथ आयोजित हुआ । 07:30 बजे महासुर्दाषना जप एवं हवन सम्पन्न हुआ जो सकल वित्तीय उद्योग के विकास उद्योग की वृद्धि  में बाधा से राहत एवं षत्रु पर विजय के लिए सम्पन्न हुआ। 08:30 बजे दृश्टि दुर्गा जप एवं हवन हुआ जो कुदृश्टि निवारर्णाथ , कार्यालीन बाधा निवारण स्यायी रोजगार प्राप्ति एवं प्रबंधन से प्रषंसा हेतु आयोजित हुआ ।  रात्री 09:00 पूर्ण आहुति एवं दीप आराधना के बाद भक्तजनों ने सामुहिक प्रसाद ग्रहण किया ।

महोत्सव के चौथे दिन 02 नवम्बर प्रात: 07:00 बजे  विजय गणपति जप एवं हवन से षुरूवात होगी जो सर्व कार्य सिद्धि सर्व विध्न निवारर्णाथ आयोजित है । 09 बजे सुब्रामण्या मूल मंत्र जाप एवं हवन होगा जो धन, वंष वृद्धि समाजिक स्तर में उन्नति हेतु आयोजित होगा । 10:00 बजे षांति एवं उन्नति के लिए सुब्रमण्या माला मंत्र हवन होगा ।11 बजे सुब्रमण्या षत्रु संहारा त्रिषदी अर्चना होगी दोपहर 12:00 बजे बडुगराजा कन्या सुहासिनी एवं दम्पति पूजा होगी दोपहर 01 बजे महापूर्णा आहुति वसुधारा हवन दीप आराधना के बाद भक्तजन प्रसाद ग्रहण करेगें  ।

संध्या 06:30 बजे गुरूमॉ विजया षिवमणी के स्मृति में गरीबों को जिवीकोपार्जन हेतु सहयोग प्रदान किया जायेगा और श्री पी.टी.उल्लास कुमार की भजन संध्या होगी । रात्रि 09:30 बजे भक्तजन प्रसाद ग्रहण करेगे ।

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