उक्त प्रेरणादायी विचार स्वामी विजयानंद जी महराज ने मंगलवार को कवर्धा के श्रीगणेशपुरम में आयोजित दुर्लभ सत्संग के में व्यक्त किए
मनुष्य जीवन मिलना बहुत सरल है, लेकिन मनुष्य जीवन में सत्संग मिलना दुर्लभ है – स्वामी विजयानंद गिरी जी महराज
0 श्रीगणेशपुरम में 26 फरवरी तक होगा भव्य दुर्लभ सत्संग का आयोजन
0 गणेश तिवारी ने किया जिलेवासियों से समिल्लित होकर प्रवचन लाभ लेने की अपील
कवर्धा। मनुष्य जीवन मिलना बहुत सरल है, लेकिन मनुष्य जीवन में सत्संग मिलना दुर्लभ है। पुण्योदय से ही मानव को सत्संग का लाभ मिलता है। पूर्व जन्म के पाप-पुण्य जीवन में आगे-आगे चलते हैं, उसी से व्यक्ति को संसार में सुविधाएं और असुविधाएं मिलती हैं। इस जन्म में बोए हुए बीजों का फल अगले जन्म में प्राप्त होता है। उसी से व्यक्ति को संपन्नाता और निर्धनता प्राप्त होती है।
उक्त प्रेरणादायी विचार स्वामी विजयानंद जी महराज ने मंगलवार को कवर्धा के श्री गणेशपुरम में आयोजित दुर्लभ सत्संग के में व्यक्त किए।
सत्संग के प्रथम दिवस स्वामी जी ने कहा कि यह जो मनुष्य जीवन मिला है वह भगवान की अहत्वती कृपा से मिला है और केवल अपना कल्याण करने के लिए मिला है। चौरासी लाख योनियों में भटकते भटकते जीव जब दुखी हो गया, वो परमात्मा ने जीव को मानव शरीर दिया। जीव अनंतकाल से जीवन मरण के चक्र में पड़ा है। मिट्टी के कणों को गिन सकते हो, रेत की गिनती संभव है लेकिन अभी तक हमारी जन्मों की गिनती नही हो सकती।
दुर्लभ सत्संग समिति के संयोजक गणेश तिवारी ने बताया कि 20 फरवरी से 26 फरवरी तक श्रीगणेशपुरम में स्वामी श्री विजयानंद गिरी जी महराज ऋषिकेश का दुर्लभ सत्संग आयोजित किया गया है जो 26 फरवरी तक प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक प्रवचन होगी। उन्होंने समस्त जिलेवासियों से इस दुर्लभ सत्संग में सम्मिलित होकर प्रवचन लाभ लेने की अपील किया है।